भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शराब बंदी को लेकर लगातार सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी कर रही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने एक नया ऐलान किया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि 11 अप्रैल को सोमवार को वे रायसेन के किले में स्थित सोमेश्वर शिवलिंग महादेव मंदिर (Someshwar Shivling Mahadev temple)पर जल चढ़ाऐगी। उनके कार्यालय से प्रशासन को इसके लिए समुचित व्यवस्था करने को कहा गया है।
मध्य प्रदेश में शराब बंदी की मुहिम चला रही उमा भारती ने बुधवार को एक के बाद एक कर ट्वीट धमाके किए। दरअसल दो दिन पहले ही रायसेन किले पर स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर का मामला सामने आया था जहां पर यह बात सामने आई थी कि मंदिर केवल महाशिवरात्रि के दिन ही खुलता है बाकी दिन बंद रहता है। पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आने वाले इस मंदिर का निर्माण 12 वीं सदी में परिहार राजा ने करवाया था लेकिन राजा पूरणमल के समय शेरशाह सूरी ने इस स्थान पर मजार बनवा दी और उसके बाद मंदिर पर ताले डल गए।
1975 में हुए एक आंदोलन के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री पीसी सेठी ने आकर ताले खुलवाए थे लेकिन अब सिर्फ एक दिन शिवरात्रि को ही ताले खुलते हैं। दो दिन पहले कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने सरकार पर तंज कसा था कि शिवराज में मंदिर में शिव बंद है। इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या होगी। उमा भारती ने ट्वीट में विश्व प्रसिद्ध इतिहासकार अब्राहिम अली की पुस्तक एंपायर ऑफ पीकॉक थ्रोन का हवाला देकर लिखा है कि राजा पूरणमल शेरशाह सूरी के विश्वासघात के शिकार हुए और उनके पूरे परिवार के साथ शेरशाह सूरी ने बेहद दुर्व्यवहार कर मरवा दिया।
उमा ने ट्वीट में लिखा है कि मैं जब रायसेन किले के पास से गुजरती थी तो मुझे यह प्रसंग याद आता था और मैंने चुनावी सभा में भी रायसेन के किले को देखकर यह बात शिवराज सिंह चौहान से कही थी कि इस किले को देखकर मुझे बहुत कष्ट होता है। उमा ने ट्वीट में आगे लिखा है कि 11 अप्रैल सोमवार को वे शिवलिंग पर गंगोत्री से लाया गंगा जल चढ़ायेगी तब राजा पूरणमल, उनकी पत्नी रत्नावली, उनके मारे गए दोनों मासूम बेटे और कन्या एवं उन सब के साथ मारे गए राजा पूरणमल के सैनिक उन सब का तर्पण करूंगी और अपनी अज्ञानता के लिए क्षमा मांगूंगी।
उमा के ट्वीट से रायसेन जिला प्रशासन के सामने दुविधा खड़ी हो गई है। दरअसल यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है और पुरातत्व विभाग के आदेश अनुसार यहां ताले डाले हुए हैं। ऐसे में अब प्रशासन क्या कदम उठाएगा, यह देखने वाली बात होगी।