अपने बयान पर कायम उमा भारती बोली- मंत्रिमंडल में जाति एवं क्षेत्र का संतुलन बिगड़ा हुआ है

Atul Saxena
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Uma Bharti Tweets : पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती इन दिनों अपने एक बयान को लेकर फिर चर्चा में हैं, पिछले दिनों लोधी समाज के एक कार्यक्रम में दिए गए उनके भाषण को लेकर विपक्ष उनपर निशाना साध रहा है, उमा भारती ने इसपर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मैंने जो कहा उसपर कायम हूँ लेकिन मेरे भाषण का एक अंश मीडिया ने बताया, इसीलिए मैं ट्वीट कर पूरा अंश बता रही हूँ।

उमा भारती के बयान से खलबली

उमा भारती अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहती हैं, अपनी बात मजबूती और स्पष्ट रूप से रखने वाली उमा भारती इन दिनों प्रदेश में शराब बंदी नशा बंदी के खिलाफ आन्दोलन कर रही हैं, हालाँकि वे इस दौरान कहती है कि वे ना तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विरोध कर रही हैं और ना ही भाजपा सरकार का, अब उनका एक नया बयान चर्चा में है जिसने भोपाल से लेकर दिल्ली तक खलबली मचा दी है।

लोधी समाज के कार्यक्रम में ये कहा था उमा भारती ने

दर असल उमा भारती पिछले दिनों अपने समाज यानि लोधी समाज के युवक युवती सम्मेलन में शामिल होने गईं थी, उन्होंने वहां मंच से समाज को संबोधित किया उसके मायने निकालने में राजनीतिक पंडित जुट गए हैं, बताया जा रहा है कि उमा भारती ने मंच से कहा- “मैं चुनाव में आऊंगी, मंच से संबोधित करूंगी, लेकिन मैं यह नहीं कहूंगी की लोधियों तुम बीजेपी को वोट करो मैं सभी से कहती हूं कि तुम बीजेपी को वोट करो, क्योंकि मैं तो अपनी पार्टी की निष्ठावान सिपाही हूँ, लेकिन मैं आपसे थोड़े अपेक्षा करूंगी कि आप पार्टी के निष्ठावान सिपाही होंगे। अब आपको अपने आसपास का हित देखना है, क्योंकि अगर आप पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं, अगर आप पार्टी के वोट नहीं हैं तो आपको सारी चीजों को देखकर ही अपने बारे में फैसला करना है, यह मानकर चलिए कि प्यार के बंधन में तो हम बंधे हुए हैं, लेकिन राजनीतिक बंधन से मेरी तरफ से पूरी तरह से आजाद हैं।

10 ट्वीट कर उमा भारती ने बताई अपनी बात

उमा भारती का बयान मीडिया में आते ही खलबली मच गई, कांग्रेस, भाजपा पर हमलावर हो गई उधर भाजपा में अन्दर भी तरह तरह चर्चाएँ शुरू हो गईं, उमा भारती ने आज इसपर 10 ट्वीट कर अपनी सफाई दी, उमा भारती ने ट्वीट किया – 25 दिसंबर को मैं लोधी समाज के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गई। वहाँ मैंने जो भाषण दिया उसका एक अंश सोशल मीडिया में आ रहा हैं एवं अख़बारों में छप रहा हैं, उसके खंडन की ज़रूरत नही क्यूँकि मैंने ऐसा ही बोला है। लेकिन मेरे भाषण के पहले के कुछ वाक्य बताना ज़रूरी हैं इसलिये ट्वीट कर रही हूँ।

2018 विधानसभा चुनावों का किया जिक्र

उमा ने लिखा – मैंने कहा, पिछले 2018 के मध्यप्रदेश के विधानसभा के चुनावों में कुछ विधानसभा क्षेत्रों से मेरी सभा से पहले लोधी समाज से कुछ फ़ोन मेरे ऑफ़िस में आये थे कि दीदी की सभा रद्द कर दीजिये, हम यहाँ के बीजेपी के उम्मीदवार से नाराज़ हैं। उसी के जवाब में मैंने उस दिन ऐसा बोला है। यह बात मैंने सार्वजनिक तौर पर पहली बार नहीं बोली।

मंत्रिमंडल में जाति एवं क्षेत्र का संतुलन बिगड़ा

आप याद करिये जब हम विधानसभा चुनाव हार गये और कांग्रेस का एक समूह हमारे साथ टूटकर आया एवं उसके सहारे हमने सरकार का गठन किया तथा मंत्रिमंडल बना। तब भी मैंने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया था कि  इस मंत्रिमंडल में जाति एवं क्षेत्र का संतुलन बिगड़ा हुआ है।

हिंदुत्व मेरी निष्ठा, भारत मेरा प्राण मोदी मेरे नेता, भाजपा मेरी पार्टी

उमा भारती ने कहा – हिंदुत्व मेरी निष्ठा, भारत मेरा प्राण और संसार के सभी अभावग्रस्त लोग मेरे दिल में बसे हैं। मोदी मेरे नेता, भाजपा मेरी पार्टी है। मैंने कभी भाजपा नहीं छोड़ी। मुझे निकाला गया था। तब मैंने अपने कर्त्तव्य पथ पर चलते रहने के लिये राष्ट्रवादी विचार की धाराप्रवाह में ही अपना दल बनाया। फिर उस समय के भाजपा के अध्यक्ष नितिन जी के निमंत्रण पर जिसका मोदी जी ने भी समर्थन किया भारतीय जनशक्ति का भाजपा में विलय करते हुए मैं भाजपा में वापस आ गई।

मुझे भाजपा साइडलाइन नहीं करती, मेरी अपनी एक सीधी लाइन है

कांग्रेस को हमारे बीच में आने की ज़रूरत नहीं है, मुझे भाजपा साइडलाइन नहीं करती, मेरी अपनी एक सीधी लाइन है और मैं उसी पर चलती हूँ, स्वयं का मोक्ष एवं जगत का कल्याण। अंतिम ट्वीट में उमा भारती ने लिखा – सूर्य की रोशनी, चंद्रमा की चाँदनी, हवा का झौंका, फूलों की सुगन्ध, नदी की तरंग और शक्कर की मिठास यह कभी साइडलाइन नही होते क्यूँकि यह अंदर बाहर सब तरफ़ रचे बसे होते हैं ।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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