भोपाल। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में सेवाएं शुरू करने वाले मप्र उर्दू अकादमी के एक वर्तमान बाबू की अपेक्षाएं और इच्छाएं इतनी चरम पर पहुुंचीं कि उसने अकादमी अध्यक्ष के खिलाफ ही एक कूटरचना कर डाली। बाबू ने शाम के अंधेरे में दफ्तर में दाखिल होकर न सिर्फ यहां मौजूद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरें हटा दीं, बल्कि पिछले दरवाजे से विपक्षी दल के नेताओं को इसकी सूचना देकर अकादमी कार्यालय में हंगामा भी करवा दिया। मामले ने तूल पकड़ा तो इस बाबू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई है और विभागीय सजा के तौर पर उसको निलंबित भी कर दिया गया है।
मामला मप्र उर्दू अकादमी से जुड़ा है। यहां गुरूवार को भाजपा नेताओं ने इस बात पर हंगामा मचाया था कि अकादमी कार्यालय में लगी हुईं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरें हटा दी गई हैं। हाल में पदस्थ हुए अध्यक्ष डॉ. अजीज कुरैशी के कांग्रेस से जुड़े होने के नाते भाजपा नेताओं को इस बात पर एतराज हुआ कि उन्होंने दलगत सियासत के तहत प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के फोटो शासकीय कार्यालय से हटा दिए हैं। जिस समय यह मामला घटित हुआ उर्दू अकादमी अध्यक्ष डॉ. अजीज कुरैशी शहर से बाहर थे। इस मामले में अकादमी सचिव डॉ. हिसामुद्दीन फारुखी ने भी अपनी अनभिज्ञता जाहिर दिखाई। लेकिन बाद में अध्यक्ष के आदेश पर शुक्रवार सुबह उन्होंने इस मामले की पड़ताल करवाने के बाद दफ्तर के कर्मचारी राहिल को निलंबित कर दिया है। इसके बाद अध्यक्ष ने राहिल के खिलाफ थाना टीटी नगर में एफआईआर भी दर्ज करवा दी है।
अध्यक्ष के खिलाफ साजिश
सूत्रों का कहना है कि राहिल ने देर शाम उस वक्त दफ्तर में लगी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरों को हटाया है, जिस वक्त ऑफिस में कोई भी नहीं होता। उसके कार्यालय में देर शाम पहुुंचने और कार्यालय की चाबियां हासिल कर अपनी मनमानी करना किसी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि राहिल द्वारा देर शाम यह कर्मकांड करने के बाद संभवत: के ही किसी कर्मचारी या खुद राहिल ने भाजपा नेताओं को इस बात की जानकारी दी है कि अकादमी से तस्वीरों को हटाया गया है। किसी की सूचना दिए बिना किसी बाहरी व्यक्ति को इस बात की जानकारी पहुंचना आश्चर्य का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि राहिल द्वारा तस्वीरें हटाने के बाद अगले दिन अध्यक्ष डॉ. कुरैशी की मौजूदगी में भाजपा नेताओं से किसी बड़े विवाद के हालात बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इस बीच कर्मचारी यह जानकारी नहीं जुटा पाए कि अध्यक्ष शहर में मौजूद हैं भी या नहीं।
मुखबिरी से लेकर अधिकारियों की चापलूसी तक में शामिल
सूत्रों का कहना है कि मप्र उर्दू अकादमी का कर्मचारी राहिल शाहजहांनाबाद का वेतनिक मुखबिर रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में आला अधिकारी रहे स्व. जब्बार ढाकवाला के कार्यकाल में राहिल अकादमी का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहा है। इसके बाद स्व. ढाकवाला की मेहरबानियां का आलम यह रहा कि उसे महज दो माह के बाद तीन परमोशन मिल गए और वह देखते ही देखते अकादमी का बाबू और यहां के सचिव का पीए तक बन गया। सूत्रों का कहना है कि मप्र उर्दू अकादमी में चंद माह पहले यहां के सचिव के तबादले के बाद मची उथल-पुथल के दौरान भी राहिल के ऊपर फाइलें दफ्तर से बाहर ले जाने के आरोप लगे थे। पूर्व सचिव के करीबी रहे राहिल के ऊपर अकादमी का बोर्ड महंगे दामों पर बनवाने से लेकर भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं।
कर्मचारियों से हो रही पूछताछ
सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को तस्वीरें हटाने का मामला गर्माने के बाद टीटी नगर पुलिस ने अकादमी के तीन कर्मचारियों को पूछताछ के लिए डीआईजी ने बुलाया। इनमें वसीम, सनव्वर आदि कर्मचारी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों के बयान के बाद ही इस बात की पुष्टि हो पाएगी कि राहिल ने किसके कहने और किस समय पर तस्वीरें हटाईं। इस बात की पुष्टि होने की उम्मीद भी की जा रही है कि उसने यह काम किसके कहने पर किया है। साथ ही भाजपा नेताओं को दफ्तर के भीतर की स्थिति की जानकारी देने में किन कर्मचारियों की भूमिका है।