भोपाल। मप्र हाईकोर्ट से एक चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर को करारा झटका लाग है। लोगों से लाखों रुपए का निवेश कराकर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी डायरेक्टर को जमानत नहीं मिली है। बालाघाट में संचालित इस कंपनी का डायरेक्टर लखन सहाय 8 अगस्त 2016 से हिरासत में है। जस्टिस राजीव कुमार दुबे द्वारा सुनवाई के दौरान अपनाए गए सख्त रुख के बाद आरोपी की ओर से अर्जी वापस ले ली गई।
प्रकरण के अनुसार छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में रहने वाला लखन सहाय बालाघाट में संचालित सतगुरु साई सिविल कंस्ट्रक्शन लिमिटेड में डायरेक्टर है। उस पर आरोप है कि मुनाफे का लालच देकर उसने लोगों कई लोगों से लाखों रुपए कंपनी में जमा कराकर उनके साथ धोखाधड़ी की। बालाघाट के बैहर थाने में की गई शिकायत पर पुलिस ने भादंवि, प्राईस चिट्स एण्ड मनी सर्कुलेशन स्कीम एक्ट और मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को 8 अगस्त 2016 को हिरासत में लिया था। इस मामले में बालाघाट की जिला सत्र न्यायालय द्वारा 6 सितंबर 2019 को आरोपी को जमानत न मिलने पर यह अर्जी हाईकोर्ट में दायर की गई थी। मामले में न्यायालय के सख्त रुख के चलते आरोपी की ओर से अर्जी वापस लेने की प्रार्थना की गई, जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने अर्जी खारिज कर दी।