गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने टीआई को क्यों लगाया फोन? पढ़िए पूरी खबर

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  मध्य प्रदेश (MP News) में पुलिस कमिश्नर प्रणाली (Police Commissioner System) लागू होने के बाद से इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। ना सिर्फ अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है बल्कि पुलिस के व्यवहार में भी परिवर्तन आ रहा है।  पुलिस के इसी व्यवहार की तारीफ करते हुए गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा(Home Minister Dr  Narottam Mishra)  ने एक टीआई स्तर के अधिकारी को शाबासी दी।

मध्य प्रदेश के दो शहरों इंदौर और भोपाल में इस समय पुलिस कमिश्नर प्रणाली शुरू की गई है। इंदौर में हरिनारायणचारी मिश्रा पुलिस कमिश्नर (Indore Police Commissioner Harinarayanchari Mishra) हैं। आईजी रहते हुए उन्होंने जिस कसावट और शालीन व्यवहार से पुलिस महकमें में आमूलचूल परिवर्तन किये उसे अब वे पुलिस कमिश्नर रहते हुए लागू कर रहे हैं और इसके सार्थक परिणाम भी सामने आ रहे हैं।

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जानकारी के अनुसार गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के छाती एवं श्वास रोग विशेषज्ञ एवं हमीदिया अस्पताल के विभागाध्यक्ष डॉ लोकेंद्र दवे पिछले दिनों जब भी इंदौर गए थे तब  कुछ लोगों ने उनकी कार रुकवाकर उनका मोबाइल लूट लिया था।  घटना की सूचना डा.दवे ने हीरा नगर थाने के टीआई सतीश पटेल को दी।

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डॉ दवे की परेशानी समझते हुए टीआई सतीश पटेल ने उनसे बेहद अच्छा व्यवहार करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि जल्द कड़ी कार्रवाई होगी। डॉ लोकेंद्र दवे ने घटना की जानकारी प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को दी और पुलिस ने अच्छे व्यवहार की भी तारीफ की।

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डॉ दवे से अपने मंत्रालय के अधीन आने वाले विभाग की तारीफ सुनकर गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने टीआई सतीश पटेल को फोन लगाया और उनके द्वारा किए गए अच्छे व्यवहार के लिए प्रोत्साहित किया और शाबाशी दी।  वहीं गृह मंत्री ने भोपाल में एक रात में 258 वारंट की तामीली होने पर भोपाल पुलिस को भी बधाई दी है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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