भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एनडीए द्वारा द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद देश आदिवासी समाज में खुशी की लहर दौड़ गई है। इस दौरान भोपाल में जश्न मनाया गया, बीजेपी दफ्तर भी आदिवासी रंग में रंगा गए है और इस बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी आदिवासी वेशभूषा में जमकर डांस किया।
बता दे, मध्यप्रदेश में आदिवासियों की आबादी दो करोड़ से ज्यादा है और देश के सर्वोच्च पद के लिए अपने समाज से उम्मीदवार का घोषित होना एक गर्व की बात है, जिसका जश्न मनाना तो बनता है। दरअसल, द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समाज से ही आती है। उन्होंने आदिवासियों के हितों और उत्थान के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है, जिसके बाद वह आज इस ओहदे पर पहुंच सकी है। वह हमेशा से ही आदिवासियों, बालिकाओं के हितों को लेकर सजग रहीं। आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर वे कई बार सरकार को सीधे निर्देश देते हुए नजर आईं है।
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आभार कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज ने आदिवासियों को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी पर निशाना भी साधा, जहां उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से ही आदिवासी समाज को वोट का जरिया बनाया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमेशा से ही आदिवासी और अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए कार्य किया है।
मध्य प्रदेश में आदिवासी समीकरण
मध्य प्रदेश में आदिवासी संख्या दो करोड़ से अधिक होने के कारण, यह 84 विधानसभा सीटों पर सीधे सीधे असर डालती हैं। 2018 के चुनाव में प्रदेश की 230 में से 82 सीटें आरक्षित थीं। इसमें से बीजेपी 34 सीट ही जीत सकीं थी। 25 सीटों पर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा। अनुसूचित जाति की 47 सीटों में से 30 पर वर्तमान में कांग्रेस काबिज है और 17 बीजेपी। अब बीजेपी कांग्रेस के खाते वाली 30 सीटों पर कब्जा जमाना चाहती है।