IAS अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर दिए गए कथित आपत्तिजनक बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस बयान के विरोध में अब ब्राह्मण महिलाएं खुलकर सामने आ गई हैं। ब्राह्मण एकता अस्मिता सहयोग एवं संस्कार मंच की महिला विंग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी नाराजगी जाहिर की और प्रशासन को सख्त चेतावनी दी है।
संगठन ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी द्वारा इस तरह की भाषा का प्रयोग अक्षम्य है। महिलाओं ने मांग की है कि संतोष वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और उनकी सेवा समाप्त की जाए।
‘निलंबन नहीं हुआ तो सड़कों पर उतरेंगे’
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महिला विंग की पदाधिकारियों ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगी। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि आरोपी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, तो वे सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करेंगी और इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
“वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने अनर्गल प्रलाप किया है। ऐसे समाज में जहां सनातन परंपरा है, जहां बेटियों को देवी के रूप में पूजा जाता है, वहां एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा ऐसी बातें करना बेहद अशोभनीय है। हम इसका सख्त विरोध करते हैं।” — प्रवक्ता, महिला विंग
IAS अवार्ड वापस लेने की मांग
विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि ऐसे व्यक्ति का IAS अवार्ड भी वापस लिया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि जिस देश में नारी के सम्मान के लिए रावण जैसे शक्तिशाली राजा का भी अंत कर दिया गया, वहां आज भी नारी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
संगठन का कहना है कि अधिकारी के खिलाफ ऐसी नजीर पेश की जानी चाहिए जिससे भविष्य में कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर हो, महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने का दुस्साहस न कर सके।
सम्मान की लड़ाई
महिला विंग ने जोर देकर कहा कि यह केवल एक बयान का विरोध नहीं है, बल्कि यह नारी अस्मिता और सम्मान की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि समाज को सही दिशा देने के लिए ऐसे अधिकारियों का बहिष्कार और बर्खास्तगी जरूरी है। फिलहाल, संगठन ने सरकार और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जताई है, लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि वे न्याय मिलने तक चुप नहीं बैठेंगी।





