अपनी इन मांगों को लेकर सड़क पर उतरे छात्र, मांगी भूख हड़ताल की अनुमति

Gaurav Sharma
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डबरा, सलिल श्रीवास्तव

जिले के  शासकीय वृंदा सहाय कॉलेज के छात्रों ने आज कॉलेज के स्टेडियम ग्राउंड की दुर्दशा को लेकर नगर के मुख्य चौराहे पर धरना दिया। साथ ही कॉलेज प्रशासन मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए। इसी दौरान धरने पर पुलिस पहुंची और छात्रों को जबरन उठा दिया गया। बाद में छात्र नारेबाजी करते हुए तहसील पहुंचे, जहां एसडीएम को उन्होंने अपनी समस्या सुनाई साथ ही भूख हड़ताल की अनुमति मांगी। वहीं एसडीएम ने कल तक समस्या के निराकरण की बात कही है। छात्रों का कहना है कि यदि उनकी बात नहीं मानी तो वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे।

बता दें कि डबरा में शासकीय वृंदासहाय महाविद्यालय है, जिसमें आसपास के सभी छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं। साथ ही कई खिलाड़ी इसी ग्राउंड पर प्रैक्टिस करते हैं, जिनमें से कुछ नेशनल स्तर पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं पर यह स्टेडियम ग्राउंड पिछले कुछ समय से काफी खस्ताहाल बना हुआ है। छात्र यहां की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए काफी समय से संघर्षरत हैं पर उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है।

पिछले 3 महीने का आलम यह है कि वह कॉलेज प्रबंधन एसडीएम नेतागण सभी के चक्कर लगा चुके हैं पर उन्हें आश्वासन के अलावा आज तक कुछ नहीं मिला है, यही कारण रहा कि आज छात्र आक्रोशित हो गए और हाथों में तख्तियां लेकर सड़क पर आ गये। सबसे पहले छात्र नगर के मुख्य चौराहे पर पहुंचे और सड़क पर बैठ गए। इस दौरान छात्रों के साथ कई खिलाड़ी भी शामिल थे।

राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं छात्रों का कहना है कि समस्या का हल आज तक नहीं हो पाया है, यही कारण रहा कि आज उन्हें सड़क पर आना पड़ा। छात्र समस्या हल ना होने की स्थिति में भूख हड़ताल पर बैठने का मन बना कर आए थे पर पुलिस ने उन्हें कोविड का हवाला देते हुए सड़क से उठा दिया। जिसके बाद सभी छात्र एसडीएम के पास पहुंचे।

एसडीएम ने उन्हें समस्या को हल करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद छात्र एसडीएम की बात मानकर वापस पहुंच गए पर वह साफ शब्दों में चेतावनी देकर गए कि यदि उनकी समस्या निराकरण नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे।  वहीं डबरा एसडीएम राघवेंद्र ने कहा कि छात्र अपनी समस्या लेकर मेरे पास आए थे। उनकी समस्या को हल करने के लिए कल महाविद्यालय में बैठक बुलाई गई है। छात्र भी शामिल होंगे समस्या को हल करा दिया जाएगा।

अपनी इन मांगों को लेकर सड़क पर उतरे छात्र, मांगी भूख हड़ताल की अनुमति


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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