दमोह, आशीष कुमार जैन। दमोह जिले में अब कांग्रेस की तरह भारतीय जनता पार्टी कई भागों में बटती हुई दिखाई दे रही है। जबसे सिंधिया समर्थन के बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में बनी है, तब से दमोह में भी कई गुट नजर आ रहे हैं और इसकी बानगी 15 अगस्त के मुख्य समारोह में देखने को मिली। जहां मुख्य समारोह में अतिथि के साथ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नहीं पहुंचे। वहीं बीच कार्यक्रम छोड़कर सभी पदाधिकारी वहां से वापस लौट आए। इस दौरान सिंधिया समर्थक भाजपाई जरूर गोविंद सिंह के पूरे कार्यक्रम में शामिल होते दिखाई दिए।
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कई गुटों में बटे होने के कारण 15 सालों से कांग्रेस सत्ता से बाहर रही और वहीं बीजेपी अब दमोह में कई गुटों में बटती हुई नजर आ रही है। यही कारण है कि मुख्य समारोह में जहां पूर्व के वर्षों की तरह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष को बाकायदा मुख्य अतिथि द्वारा अपने ही गाड़ी में बिठा कर मुख्य समारोह में ले जाया जाता है। लेकिन इस बार मुख्य अतिथि गोविंद सिंह राजपूत के द्वारा जो सिंधिया समर्थक भाजपाई माने जाते हैं उन्होंने दमोह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी को बुलाना भी उचित नहीं समझा और यही कारण रहा कि भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष और पदाधिकारी अपने मन से मुख्य समारोह में पहुंचे और बीच कार्यक्रम छोड़कर भाजपा कार्यालय में भी आ गए।
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यह भी दमोह में पहली बार हुआ कि भारतीय जनता पार्टी समर्थित सरकार का मंत्री भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में भी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से मिलने नहीं पहुंचा। जब इस मामले पर दमोह के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से सवाल किया तो वे चुप्पी साध गए। वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष ने गोलमोल जवाब देते हुए इस मामले पर किसी भी तरह का स्पष्टीकरण नहीं दिया। वह केवल इतना बोले कि इस मामले पर पता किया जाएगा।