Mon, Dec 22, 2025

Damoh में हिजाब पहनाने वाले स्कूल की मान्यता निरस्त, इस युवा नेता की पहल पर सीएम ने लिया निर्णय

Written by:Amit Sengar
Published:
Damoh में हिजाब पहनाने वाले स्कूल की मान्यता निरस्त, इस युवा नेता की पहल पर सीएम ने लिया निर्णय

Damoh News : दमोह के गंगा जमुना स्कूल की मान्यता निरस्त कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट इसकी कर जानकारी दी। इसके पहले शुक्रवार दोपहर को भी मुख्यमंत्री ने साफ कहा था कि हिजाब पहनाने वाले स्कूल मध्यप्रदेश में नहीं चल पाएंगे। दरअसल इस मुद्दे को मध्य प्रदेश के युवा भाजपा नेता सुरेंद्र शर्मा ने सबसे पहले उठाया था।

यह है पूरा मामला

करीब चार दिन पहले दमोह के गंगा जमुना स्कूल का एक पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस पोस्टर में बोर्ड परीक्षा में टॉप करने वाली छात्राओं की तस्वीरें और नाम छपे हुए थे। यह सभी लड़कियां हिजाब नुमा ड्रेस पहने नजर आ रही थी। इस पोस्टर की जानकारी जब बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य सुरेंद्र शर्मा को मिली तो उन्होंने इसकी शिकायत तत्काल प्रदेश के मुख्यमंत्री से की।

मामला आगे बढ़ते देख दमोह के कलेक्टर ने आनन-फानन में जांच कराई और स्कूल को क्लीन चिट भी दे डाली। लेकिन सुरेंद्र शर्मा नहीं रुके और उन्होंने एक बार फिर कलेक्टर और एसपी की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े करते हुए मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने का निवेदन किया। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कलेक्टर ने एक बार फिर जांच की और स्कूल प्रबंधन ने माना कि उसके स्कूल जो ड्रेस चलती है अब आगे से किसी छात्रा को जबरन पहनने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा और स्कूल में पढ़ा जाने वाला अल्लामा इकबाल का गीत ‘लब पे आती है दुआ बनके’ भी नहीं गाया जाएगा।

इस मामले में गंभीरता कितनी थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगों ने भी इसमें हस्तक्षेप किया और दमोह कलेक्टर व एसपी से तत्काल इस मामले में प्रतिवेदन मांगा। मामला आगे बढ़ता देख मुख्यमंत्री ने खुद इस मामले में हस्तक्षेप किया और थोड़ी देर पहले इस स्कूल की मान्यता निलंबित कर दी गई। लेकिन अब से कुछ ही देर पहले मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया और जानकारी दी कि अब स्कूल की मान्यता निरस्त की जा रही है। इस पूरे मामले को उठाने का श्रेय बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य सुरेंद्र शर्मा को जाता है जो समय-समय पर जनहित के मुद्दों को उठाते रहे हैं और इस मुद्दे पर भी उन्होंने सरकार को आगाह किया था कि मध्यप्रदेश में इस तरह के स्कूल द केरला स्टोरी की तरह लड़कियों का ब्रेनवाश कर रहे हैं।