दतिया : किसान ने साहूकार के कर्ज से बचने के लिए की आत्महत्या

Amit Sengar
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Two employees engaged in assembly duty died

दतिया, सतेंद्र रावत। केंद्र सरकार एवं मध्य प्रदेश की सरकार किसान हितैषी होने का दावा पेश कर रही हो। लेकिन किसानों की हालत मैं कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा है लगातार किसान कर्ज से दबा हुआ है और इसमें किसान आत्महत्या करने को भी मजबूर है ऐसा ही एक मामला आज दतिया (datia) के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम जोनिया का आया है जिसमें जोनिया के ईश्वरी पटवा नाम की किसान ने साहूकार के कर्ज से बचने के लिए अपने घर के पंखे पर टंगकर जान दे दी।

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बता दें कि ईश्वरीय पटवा ने इंदरगढ़ के राम बाबू बघेल से ₹100000 उधार लिए थे जिसमें किसान ने अपने दो बीघा जमीन रामबाबू के यहां गिरवी रखी थी। मृतक के सुसाइड नोट के अनुसार 4 महीने बाद जमीन वापस करने की बात हुई थी, लेकिन जब मृतक 4 महीने बाद जमीन वापस लेने गया तो रामबाबू बघेल ने जमीन वापस करने की मना कर दी और मृतक के साथ मारपीट कर दी जिसे लेकर मृतक ने अपने घर के पंखे पर फांसी लगा ली।

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मृतक की पत्नी ने जब सुबह तक कमरे की कुंडी खोलने मृतक को आवाज लगाई तो ईश्वरी का कोई जवाब नहीं आया। जब उसने काफी हद तक कुंडी खटखटाने के बाद अपने देवर एवं पड़ोसियों को बुलाया तो देखा कि रामबाबू मृत अवस्था में लटका हुआ है। मृतक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। थाना प्रभारी परमानंद शर्मा का कहना है कि हम ने सुसाइड नोट के हिसाब से मामले को जांच में लिया है। जांच उपरांत कार्रवाई करेंगे।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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