सेवढ़ा, राहुल ठाकुर। सेवढ़ा (Sevdha) में जहां एक ओर प्रशासन कोरोना संक्रमण (Corona infection) को फैलने से रोकने के लिए तरह-तरह के जुमले अपना रही है वही वन विभाग (Forest department) के आला अफसर मौन रहकर अपनी जमीन पर ही अवैध उत्खनन (Illegal mining) करा रहे है, और जिम्मेदार बीट प्रभारियों की नाक के नीचे से माफिया रेत, लाल मुरम व खण्डों का अवैध उत्खनन जमकर कर रहे है।
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सेवढ़ा नगर के बायपास, संकुआ धाम, मदनपुरा घाट, एसडीएम बंगले के बगल से दिन-रात अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है। परिवहन करते वक्त रेत माफियाओं के ट्रैक्टर चालक बिना किसी रोक-टोक के वन विभाग व राजस्व की जमीनों से अवैध रेत का उत्खनन करके दिन दहाड़े खतरों के खिलाड़ी बनकर रेत के इस काले कारोबार को अंजाम दे रहे है। लेकिन आखिर क्या कारण है कि राजस्व, पुलिस व वन विभाग ने मानों सेवढ़ा अनुभाग में चुप्पी सी साध ली है। सेवढ़ा अनुभाग में इन दिनों रेत माफियाओ के बुलन्द होसले कहे या रेत माफियाओं के द्वारा फेंकी गई रिश्वत रूपी खैरात, जिसके आगे स्थानीय प्रशासन नत मस्तक बना हुआ है और खनिज माफियाओं के खिलाफ गत माह से स्थानीय अफसरों की कार्यवाही मानो शून्य ही है।
सेवढ़ा, भुआपुरा, थरेट, अतरेटा व डिरोलीपार थाना क्षेत्रों में पूर्व में एसडीएम व थाना प्रभारियों के द्वारा रेत माफियाओं पर कई बार अवैध उत्खनन व परिवहन को लेकर कार्यवाही की गई, लेकिन कुछ महीनों से रेत माफियाओं पर अंकुश लगाने की कार्यवाही शांत है और इस उदासीन रैवये को रेत माफिया पुरजोर तरीके से फायदा उठाते हुए जमकर रेत उत्खनन व परिवहन करने में लगे हुए है। अब देखना होगा की माफियाओं के खिलाफ प्रशासन कब तक चुप्पी साधे बैठा रहता है।
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