दतिया, सत्येन्द्र रावत। चोट लगना किसी भी खिलाड़ी के करियर को समाप्त कर सकता है। चोटिल खिलाड़ी के सारे सपने धूमिल हो जाते है जब उसे पता चलता है कि गंभीर चोट के कारण उसका शरीर कमजोर हो गया है। ऐसा ही कुछ हुआ दतिया की उभरती हुई जूडो खिलाड़ी शिवानी यादव के साथ। तीन महीने पहले घुटने की लिगामेंट इंजरी के कारण शिवानी यादव को अपने सारे सपने खत्म होते लग रहे थे। लेकिन अब उनके लिए एक नई आशा का संचार हुआ है।
हम सब जानते हैं कि लिगामेंट की सर्जरी का खर्च प्राइवेट अस्पताल में में लाखों में आता है और सरकारी अस्पतालों में आसपास के इलाके में ये सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। शिवानी को कुछ चिकित्सकों के द्वारा दिल्ली के सफदरजंग स्पोर्ट इंजरी सेन्टर जाने की सलाह दी परंतु बात नहीं बन पाई। इसपर उनके परिजन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के पास पहुँचे एवं गृहमंत्री के द्वारा मेडिकल के चिकित्सकों को ऑपेरशन करने हेतु निर्देशित किया गया। इसके बाद जिले में अस्पताल के ट्रामा ओटी में शिवानी का ऑर्थोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन आपरेशन दूरबीन पद्यति से बिना चीरफाड़ के किया गया एवं सफल रहा। यह दतिया जिले का पहला ऑपेरशन तो है ही, इसके बाद दतिया मेडिकल कॉलेज कई पुराने मेडिकल कॉलेज को पीछे छोड़कर पहली पंक्ति में शामिल हो गया है।