रतलाम, डेस्क रिपोर्ट। दीपावली के खास मौके पर रतलाम (Ratlam) में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है। मंदिर में सजावट के लिए बहुत से लोग पैसे और आभूषण मंदिर समिति को भेंट करके जाते हैं। इस साल भी मंदिर में सजावट शुरू कर दी गई है और बड़ी संख्या में लोग अपना धन जमा करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। सूर्य ग्रहण होने के चलते इस बार सोने चांदी के आभूषण नहीं लिए जा रहे हैं सिर्फ नगद राशि ली जा रही है। शहर ही नहीं बल्कि देशभर से लोग यहां पहुंच कर माता रानी के दरबार में अपने सामर्थ्य अनुसार राशि जमा करवा रहे हैं।
रतलाम के माणक चौक पर स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर में रंगाई पुताई का काम पूरा हो चुका है। रंगाई पुताई होने के बाद अब सजावट का काम शुरू हो गया है। मंदिर को 50 और 20 के नोटों की लड़ बनाकर सजाया जा रहा है। मंदिर के फ्रंट में एसीपी शीट से सजावट की जाती है जो लगभग पूरी हो चुकी है। धनतेरस का त्यौहार निकट है इसलिए यहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
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सुबह 9 बजते ही यहां भक्तों का तांता माता रानी के चरणों में नगद राशि जमा करने के लिए पहुंच रहा है। सामर्थ्य के अनुसार भक्त यहां पर 1 रुपए से लेकर 500 रुपए तक के नोट की गड्डियां लेकर पहुंच रहे हैं। इंदौर, उज्जैन, धार, पेटलावद, भोपाल, नागदा सहित कई जिलों और राज्यों से भक्त यहां माता रानी के दरबार में राशि जमा करवा रहे हैं।
हर साल भक्तों द्वारा जमा की गई राशि को आकर्षक अंदाज में पूरे मंदिर में सजाया जाता है। सजावट के बाद मंदिर की अनुपम छटा देखने लायक होती है। इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है। मंदिर में गहने और रुपए चढ़ाने की परंपरा दशकों से चली आ रही है। यहां पर जो भी भक्त मां लक्ष्मी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं उन्हें प्रसाद के रूप में सोने चांदी के सिक्के और आभूषण भेंट स्वरूप दिए जाते हैं। कहा जाता है कि महालक्ष्मी को श्रंगार के लिए दान किए गए आभूषण और पैसे व्यक्ति को दोगुना होकर मिलते हैं और उसे कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं आती।