पूर्व विधायक डॉ तेज सिंह सैंधव के बगावती सुर,उपचुनाव से पहले मुश्किल में पड़ी बीजेपी

Gaurav Sharma
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देवास/हॉटपिपल्या, सोमेश उपाध्याय। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव (byelection on 28seats in madhya pradesh) में देवास जिले की हॉटपिपल्या  विधानसभा क्षेत्र(Hatpipalya Assembly Constituency) भी शामिल है।आज चुनाव आयोग (Election commission) द्वारा तारीखों के ऐलान के साथ ही बीजेपी के पूर्व विधायक (Former BJP MLA) ने ही बीजेपी की मुसीबत बढ़ा दी है। वो यहां से अपनी पार्टी के खिलाफ उतरने के लिए जंग का ऐलान कर रहे हैं। पूर्व विधायक डॉ तेज सिंह सैंधव (former MLA Dr. Tej Singh Sandhav) तीन बार भाजपा से विधायक रहे है। सैंधव ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ (MP Breaking news) से विशेष चर्चा में कहा कि प्रजातंत्र में यदि किसी दल को जनता बहुमत देती है तो उसे मौका दिया जाना चाहिए। मैं पार्टी से टिकट की मांग करूंगा यदि टिकट नहीं मिलता है तो निर्दलीय चुनाव (Independent election) लड़ूंगा।

 

एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से की खास चर्चा

सैंधव ने बताया कि जो लोग पार्टी की नीति ही नहीं जानते उन्हे टिकट देना गलत है। हमने जनसंघ के समय से पार्टी में कार्य किया है। 19 माह तक जेल में रह कर यातनाएं सही है। हम यदि गलत का विरोध नहीं करेंगे तो यह भी अन्याय होगा। सैंधव ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को यह भी बताया कि वे चार बार विधायक के साथ ही कई पदों पर रह चुके हैं। उनकी मंशा विधायक बनना नहीं बल्कि गलत का विरोध करना है। सैंधव का कहना है कि पार्टि उन्हे नहीं तो किसी अन्य पार्टी से जुड़े व्यक्ति को टिकट दे। सैंधव के बगावती सुर से उपचुनाव के पहले ही सियासत जरूर गरमागई है!

छह बार भाजपा और चार बार कांग्रेस जीती

भारतीय जनसंघ से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले सैंधव पूर्व सीएम स्वर्गीय कैलाश जोशी के राजनीतिक शिष्य है। सेंधव ने 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़े और जीते। 1980 कि कांग्रेस लहर में भी यहां से तेज सिंह सेंधव ने ही जीत दर्ज की। 1985 में कांग्रेस ने ठा.राजेंद्र सिंह बघेल को टिकट दिया जो पर्याप्त अंतर से चुनाव जीते। 1990 और 1998 में फिर से तेज सिंह सेंधव ने जीत हासिल की। जबकि 1993 और 2003 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र सिंह बघेल ने भाजपा को हराया। 2008 और 2013 में पूर्व मंत्री दीपक जोशी यहां से जीते। जबकि 2018 में कांग्रेस के मनोज चौधरी ने भाजपा के दीपक जोशी को पराजित किया।अब उपचुनाव होना है और चौधरी भाजपा में शामिल हो चुके है।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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