देवास, अमिताभ शुक्ला। देवास (Dewas) में गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की तैयारियां शुरू हो गई है। जिसके चलते देवास के युवक आदित्य दुबे ने इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं बनाने के लिए कार्यशाला आयोजित की है। बता दें कि दुबे दंपत्ति कई वर्षों से इको फ्रेंडली मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा बनाने और सिखाने का काम कर रहे हैं।
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गौरतलब है की प्लास्टर ऑफ पेरिस की गणेश प्रतिमा से जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। तो वहीं इन प्रतिमाओं को बनाने की लागत भी काफी ज्यादा पड़ती है। इसी को देखते हुए और धार्मिक भावनाओं से प्रेरित होकर देवास के युवा आदित्य दुबे पिछले कई वर्षों से इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। और काफी सरल विधि से इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं को बनाने का तरीका भी सिखाते हैं। और इसी को लेकर एक कार्यशाला भी उनके द्वारा आयोजित की गई है।
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आदित्य दुबे का कहना है कि इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं बनाने पर पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होता है और प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां काफी महंगी भी होती हैं। इसी के साथ उनका लक्ष्य यह भी है कि देवास के उनके रहवासी इटावा क्षेत्र के साथ-साथ अन्य इलाकों में भी इको फ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा ही आने वाली गणेश चतुर्थी पर स्थापित हो। इसके लिए उन्होंने एक कार्यशाला का आयोजन भी इटावा क्षेत्र में आयोजित किया। जहां पर आम लोगों और छोटे बच्चों को मिट्टी के गणेश जी बनाने की कला सिखाई गई। जिसके द्वारा यह संदेश देने का भी प्रयास किया गया है कि पर्यावरण को भी हम बचाएं और अपने धार्मिक परंपराओं का पालन भी करें और श्री गणेश की स्थापना अपने अपने घरों में इको फ्रेंडली गणेश के रूप में करें। आने वाले समय में भी इस तरह की कार्यशाला आयोजित की जाएगी और देवास के अधिकांश घरों में इको फ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा स्थापित हो इस बात का प्रयास किया जाएगा ।