बालाघाट, सुनील कोरे। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर अहिंसा का रास्ता अपनाने और बुलेट की जगह बैलेट से अपनी लड़ाई लड़ने की अपील की है। दिग्विजय सिंह बालाघाट (Balaghat News) में एक विवाह समारोह में शामिल होने पहुंचे थे।
बालाघाट के किरनापुर में आयोजित पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष एवं विधायक सुश्री हिना कावरे के भाई पवन कावरे के विवाह समारोह में शामिल होकर वर-वधु को आशीर्वाद देने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह किरनापुर पहुंचे थे। जिनके साथ छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी नवयुगल दंपत्ति को आशीर्वाद दिया। इसके अलावा विवाह समारोह में कांग्रेस के बड़े नेता भी किरनापुर पहुंचे और विवाह कार्यक्रम में शिरकत की।
किरनापुर पहुंचे दिग्विजय सिंह से पत्रकारों ने जिले में लगातार हो रही नक्सली घटना पर सवाल किये। जिसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने कहा कि नक्सली समस्या का हल जवाबी कार्यवाही से नहीं बल्कि बातचीत से ही हो सकता है। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वह हिंसा का रास्ता छोड़कर भारतीय संविधान की शपथ लेकर भारतीय संविधान के अंतर्गत चुनाव लड़े और जनता के बीच में काम करे। हिंसा ना तो भारतीय संस्कार है और ना ही यह भारतीय संस्कृति है। नक्सली महात्मा गांधी की परंपरा को अपनाते हुए अहिंसा का रास्ता चुनें और वे चुनाव में शामिल हो।
पत्रकारों ने जब दिग्विजयसिंह से प्रदेश में आगामी समय में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर उनका पक्ष जानने को लेकर सवाल किया, लेकिन नेताजी बचते रहे और इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....