कलेक्टर ने सहायता के लिए आदिवासी महिला के हाथ पर लिखे नंबर, कांग्रेस ने जताई आपत्ति

Gaurav Sharma
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भोपाल डेस्क रिपोर्ट। डिंडोरी के कलेक्टर विकास मिश्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे बैगा आदिवासी महिला के हाथ पर अपना मोबाइल नंबर लिखते नजर आ रहे हैं। दरअसल कलेक्टर सरकारी योजनाओं की हकीकत से रूबरू होने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचे थे जहां पर उन्होंने जनता से उनकी शिकायतें जानी और उनके निराकरण के लिए तत्काल निर्देश दिए। लेकिन कांग्रेस कलेक्टर के इस तरह से हाथ पर मोबाइल नंबर लिखने के तरीके को आपत्तिजनक बता रही है।

क्या है पूरा मामला

सोशल मीडिया में डिंडोरी के नवागंतुक कलेक्टर विकास मिश्रा का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कलेक्टर क्षेत्र की एक आदिवासी बैगा महिला से कहते हैं कि अपना हाथ लाओ और उस पर अपना मोबाइल नंबर लिखने लगते हैं। वह महिला से यह भी पूछते हैं कि क्या उसके पास मोबाइल है! महिला के मना करने पर वह कहते हैं कि गांव में जिस पर मोबाईल हो उसे यह नंबर नोट करा देना।

कांग्रेस ने बताया आपत्तिजनक

कांग्रेस ने कलेक्टर के द्वारा इस तरह से महिला के हाथ पर मोबाइल नंबर लिखे जाने को आपत्तिजनक बताया है। कांग्रेस की मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने ट्वीट करके लिखा है “कलेक्टर महोदय भले ही आप का भाव महिला की मदद करने का रहा हो लेकिन यह क्या तरीका है! मोबाइल नंबर देने का पर्ची पर लिखकर दे सकते थे। सचिव को नोट करा सकते थे। आप का भाव मदद का भले ही हो, आदिवासी महिला का हाथ पकड़कर नंबर देने का तरीका बेहद आपत्तिजनक है।”

गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री जन अभियान के दौरान डिंडोरी जिले में कई शिकायतें मिली थी जिसके बाद वहां के कलेक्टर हटा दिए गए ,थे और उनके स्थान पर विकास मिश्रा की तैनाती की गई थी।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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