सहारा इंडिया ग्रुप पर हजारों करोड़ों रुपए की बकाया जारी है। निवेशकों को उनके पैसे दिलवाने के लिए कई याचिका सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक में दायर हुई थीं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सहारा समय की चल-अचल संपत्ति को बिना अनुमति के बेचे जाने या हस्तांतरित करने पर रोक लगा रखी है। सहारा इंडिया ग्रुप की जबलपुर में भी 2 गांव में करीब 178 एकड़ जमीन गोरखपुर तहसील में दर्ज है। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में अब जांच शुरू कर दी है और एक पत्र लिखकर जिला प्रशासन से इन भूमि के संबंध की जानकारी पूछी है। जानकारी के मुताबिक जनवरी 2021 में ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गोरखपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम छीतापार और तेवर में सहारा इंडिया ग्रुप से संबंधित भूमि के विभिन्न खसरों पर क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गई थी।
550 शिकायतें हैं जबलपुर में
ईओडब्ल्यू की जांच के संबंध में जिला कलेक्टर और संबंधी अनुविभागीय अधिकारी ने सहारा इंडिया ग्रुप से संबंधित जानकारियों को इकट्ठा कर ईओडब्ल्यू को भेज दिया है। यह बात भी सामने आई है कि सहारा इंडिया ग्रुप के खिलाफ जबलपुर में लगभग 550 शिकायतें मिली हैं। जिसको देखते हुए इसकी चल-अचल संपत्ति की जानकारी ली गई है।
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भूमियों पर लगे थे सहारा इंडिया के बोर्ड
सहारा इंडिया ग्रुप से संबंधित भूमियों की जांच पर कई भूमियों पर इस कंपनी का बोर्ड लगा पाया गया। जब इन भूमियों के खसरों को निकलवा कर इनकी जांच की गई तो उक्त संपत्ति सहारा इंडिया ग्रुप की अनुसंगीय कंपनियों की पाई गई। जांच में यह भी स्पष्ट पाया गया है कि सहारा इंडिया ने अपनी सहायक कंपनियों के नाम से जबलपुर के ग्राम तेवर में 31.5670 हेक्टेयर भूमि और ग्राम छीतापार में 40.24 हेक्टेयर भूमि क्रय की है।
वहीं अब सहारा इंडिया ग्रुप जबलपुर में स्थित अपनी 178 एकड़ भूमि बिना सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के नहीं बेच सकता है। 31 अगस्त 2012 एवं 29 मार्च 2016 साथ ही अन्य आदेशों के परिपालन में यह रोक लगी हुई है।