आखिर छुट्टी के दिन भी क्यों खुले हैं ग्वालियर में बैंक !

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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। गुरु नानक जयंती के अवसर पर पूरा देश गुरु पर्व मना रहा है और शासकीय अवकाश भी है। इसके बावजूद ग्वालियर के बैंक खुले हुए हैं। वजह बनी है ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह की कड़ी चेतावनी।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेरोजगार लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री की स्ट्रीट बेन्डर्स आत्मनिर्भर निधि नाम से एक योजना शुरू की है।इसे प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना भी कहा जाता है।

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इस योजना के तहत फुटपाथ पर छोटा-मोटा धंधा करने वालों को 10000 रू का लोन आसान शर्तों पर दिया जाता है। इसमें बैंक न्यूनतम ब्याज लेता है और इसका उद्देश्य कार्यशील पूंजी प्रदान कर युवाओं को बेरोजगारी से मुक्ति दिलाना है। सरकार के निर्देश है कि बैंक उदारता के साथ स्वनिधि योजना के तहत लोन दे। लेकिन अकेले ग्वालियर की अगर बात की जाए तो यहां 10,000 से ज्यादा प्रकरण लोन पाने के लिए कतार में है। कलेक्टर कौशलेन्द्र सिह के बार बार कहने के बाद भी बैंक कर्ज लेना नहीं चाहते तो आखिरकार गुरुवार को कलेक्टर ने सख्त नाराजगी दिखाई दी। उन्होंने बैंकंर्स की मीटिंग के दौरान आवेदनों की स्थिति को देखा और पुलिस बुला ली। कहा गया कि बैंकंर्स को गिरफ्तार किया जाए और जेल भेज दिया जाए। कलेक्टर का यह सख्त रवैया देखकर बैंकंर्स हङबड़ा गए और उन्होंने जल्द से जल्द स्वनिधि योजना का लोन देने का वादा किया।

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कलेक्टर के इस रवैये के बाद शुक्रवार को शासकीय अवकाश होने के बावजूद बैंक खुले हुए हैं और लगातार लोन प्रकरण स्वीकृति के लिए काम चल रहा है। यह पहला मौका नहीं जब प्रशासन को बैंकर्स से लोन दिलाने के लिए इतनी मशक्कत करनी पड़ी हो। पहले भी ग्वालियर नगर निगम के अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता गांधीवादी तरीके से बैंकों से कई लोगों को लोन दिला चुके हैं। इसमें उन्होंने जनप्रतिनिधियों तक का सहारा लिया और पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल और वर्तमान मे प्रदेश सरकार के मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर तक से बैंकों के सामने धरना दिलवा दिया था। अब कलेक्टर की चेतावनी कितनी असरदार साबित होगी, यह तो कल सुबह तब पता चलेगा जब स्वीकृत हो चुके प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के आवेदनों की संख्या सामने आएगी।


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Harpreet Kaur

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