परिचय सम्मेलन में बोले आनंदक, बेहतर रिश्तों से प्राप्त होती है सकारात्मक ऊर्जा

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। तीन दिवसीय ऑनलाइन ब्लॉक आनंदक सम्मेलन (Anandak Sammelan) परिचय कार्यक्रम 2021 में सहभागिता कर रहे आनंदकों (Anandak) से संवाद करते हुए ग्वालियर जिले के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर (आनंद) विजय कुमार उपमन्यु ने सक्रिय सहभागिता औऱ सहयोग प्राप्ति के सन्दर्भ में परस्पर विचार साझा करते हुये कार्य योजना हेतु सुझाव संकलित किये एवं टीम भावना से जुड़कर जिले में सभी आनंदकों (Anandak) तक राज्य आनन्द संस्थान (State Ananda Sansthan) के कार्यक्रमों एवं गतिविधियों को पहुंचाने का संकल्प दिलाया ।

मास्टर ट्रेनर प्रदीप महतो प्रशिक्षण समन्वयक राज्य आनंद संस्थान (State Ananda Sansthan) द्वारा  समापन अवसर पर “हमारे रिश्ते” सत्र में समाज व परिवार में रिश्तों की अहमियत पर आनंदकों (Anandak) को बताया कि जब कोई भी रिश्ता हमसे दूर होता है, तो हम उसके लिए बेचैन हो जाते हैं। अगर हमारे सभी रिश्ते अच्छे और स्वस्थ रहते हैं तो हम स्वयं में एक सकारात्मक ऊर्जा के साथ प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। रिश्ते हमारे जीवन के सबसे अहम एवं भावनात्मक हिस्सा होते है।

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आनंदम सहयोगी हेमन्त त्रिवेदी एवं मास्टर ट्रेनर (Master Trainer) इंजीनियर एके शर्मा ने रिश्तों पर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे वह अल्पविराम के जरिये अपने बिगड़े रिश्तों को मधुर बनाने में सफल रहे। आनंदक (Anandak) सुनील चोपड़ा, अनेक सिंह, अनूप पाण्डे, डॉ. योगेन्द्र वर्मा, डॉ. अतुल रायजादा, ऋषिकेश वशिष्ठ, कमल यादव, मुन्ना सिंह, ध्यानेन्द्र सिंह, बबिता बघेल, भावना शर्मा, प्रीती अग्रवाल, ऋचा श्रीवास्तव आदि ने रिश्तों के जुड़ने और टूटने के कारणों पर अपने विचार व्यक्त किये ।

परिचय सम्मेलन में बोले आनंदक, बेहतर रिश्तों से प्राप्त होती है सकारात्मक ऊर्जा

आयोजन के द्वितीय दिवस में आत्मपोषण के लिए दिए गए प्रश्नों पर मास्टर ट्रेनर (Master Trainer) श्रीमती दीप्ति उपाध्याय ने सहभागियों से उनके विचारों पर शेयरिंग ली। आनंदक डॉ. अतुल रायजादा ने जीवन के लेखा-जोखा टूल्स से दो प्रश्न हमारी निःस्वार्थ भाव से किस किस ने मदद की है और हमने किस किस की मदद की है पर राय जानी । आनंदक (Anandak) अंशुमान शर्मा ने अन्य दो प्रश्नों पर अपने जीवन की घटित घटनाओं को साझा किया । सहभागियों ने माफी मांग लो एवं माफ़ कर दो को आनंद के सन्दर्भ में समझा। द्वितीय दिवस का समापन प्रदीप महतो के मधुर गीत से हुआ।

तृतीय दिवस में सत्र की शुरुआत डॉ. रूपा आनंद द्वारा प्रस्तुत मधुर प्रार्थना से हुई । आनंदम सहयोगी हेमन्त निगम, पवन दीक्षित, कौशल किशोर बुटोलिया एवं आनंदकों (Anandak)ने भी संचालन आयोजन टीम का सहयोग किया। डीपीएल (आनंद ) विजय कुमार उपमन्यु ने सभी के प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष सहयोग एवं सहभागिता हेतु आभार प्रदर्शन किया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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