प्रत्याशी पर बांग्लादेशी होने का संदेह, मतदाता सूची में अलग अलग नाम, गुमराह करने का आरोप, शिकायत पहुंची निर्वाचन आयोग

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिले की ग्राम पंचायत अमरोल में सरपंच पद की प्रत्याशी सुधा कुशवाह के चुनाव लड़ने पर विवाद खड़ा हो गया है, आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित की गई इस सीट पर चुनाव लड़कर सुधा कुशवाह कई तरह से (MP Panchayat Election 2022) उलझ गई है, ओबीसी वर्ग से होने के बावजूद खुद को आदिवासी बताकर चुनाव लड़ना कई संदेहों को जन्म देता है। उनकी प्रतिद्वंद्वी मीना आदिवासी और ग्वालियर जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष शांतिशरण गौतम ने सुधा कुशवाह के बांग्लादेशी होने के गंभीर आरोप (Suspected candidate to be Bangladeshi)लगाए हैं। मामले की शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य निर्वाचन आयोग में की गई है।

ग्वालियर जिले (Gwalior News) के भितरवार विकासखंड की ग्राम पंचायत अमरोल के सरपंच पद के चुनाव में सबसे ज्यादा वोट प्राप्त करने वाली सुधा कुशवाह के चुनाव लड़ने पर जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष एवं भाजपा नेता शांतिशरण गौतम ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि पहली बार आदिवासियों के लिए आरक्षित हुई इस सीट पर हम निर्विरोध सरपंच का चयन करना चाहते थे लेकिन अंतिम समाय में सुधा कुशवाह ने फॉर्म भर दिया।

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जब उनकी जानकारी जुटाई गई तो उनके आदिवासी नहीं होने और ओबीसी वर्ग का होने का तथ्य सामने आया, ग्वालियर जिले ही नहीं बैतूल की मतदाता सूची में भी उनका नाम सामने आया, उनके वोटर कार्ड पर इपिक नंबर नहीं है, केवल ग्वालियर में ही चार समग्र आईडी हैं जिससे ये आशंका जताई जा रही है ये बांग्लादेशी नागरिक हो सकती है और शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर की गई है।

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शांतिशरण गौतम ने कहा कि उन्होंने तत्काल रिटर्निंग ऑफिसर से शिकायत की लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया, उन्होंने कहा कि जब उन्होंने नेट पर सुधा कुशवाह के दस्तावेज खंगाले तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं, मसलन उनके अलग अलग जगह अलग अलग नाम  दर्ज है , कहीं सुधा कुशवाह है , कहीं सुधामति है तो कहीं सुदामति है।

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शांतिशरण गौतम की आपत्ति को रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा नजर अंदाज किये जाने के बाद सुधा कुशवाह के सामने खड़ी हुई प्रत्याशी मीना आदिवासी ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ग्वालियर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector and District Election Officer Gwalior Kaushalendra Vikram Singh) और राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह (MP State Election Commissioner BP Singh) को लिखित में शिकायत भेजी है जिसमें प्रमाण के तौर पर सुधा कुशवाह के सभी दस्तावेज भेजे हैं।

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शांतिशरण गौतम ने कहा कि गलत और भ्रामक जानकारी देकर सुधा कुशवाह ने जिला प्रशासन और निर्वाचन आयोग को गुमराह किया है इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और यदि कार्रवाई नहीं होती है तो वे न्याय के लिए फिर न्यायालय  की शरण में जायेंगे। उधर इस पूरे मामले पर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह का कहना  कि कुछ लोगों ने शिकायत की है उसकी जाँच कराई जाएगी।

प्रत्याशी पर बांग्लादेशी होने का संदेह, मतदाता सूची में अलग अलग नाम, गुमराह करने का आरोप, शिकायत पहुंची निर्वाचन आयोग

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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