कलेक्टर का एक्शन, DEO को नोटिस, वेतन रोकने की चेतावनी, पढ़ें पूरी खबर

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर के शिक्षा अधिकारी (Gwalior DEO) लापरवाही की बड़ी सजा मिली है। ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Gwalior Collector Kaushlendra Vikram Singh) ने सीएम हेल्पलाइन सहित विभागीय मामलों में लापरवाही बरतने वाले DEO का अप्रैल महीने का वेतन रोकने की चेतावनी देते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कलेक्टर ने नोटिस का जवाब 24 घंटे में स्वयं उपस्थित होकर देने के लिए कहा है।

जनता की शिकायतों के निराकरण बनाई गई सीएम हेल्पलाइन को लेकर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों कर्मचारियों पर प्रदेश के अन्य जिलों की तरह ही ग्वालियर(Gwalior News) में भी कार्यवाही जारी है।  ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह पिछले कुछ दिनों में करीब आधा सैकड़ा लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों को नोटिस जारी कर चुके हैं। पिछले दिनों ऐसा ही एक नोटिस जिला शिक्षा अधिकारी विकास जोशी को भी जारी किया गया था।

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सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) एवं जन-सुनवाई को गंभीरता से नहीं लेने वाले जिला शिक्षा अधिकारी के कृत्य को कलेक्टर ने पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही मानते हुए अप्रैल महीने का वेतन रोकने तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिये कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण तथा नियंत्रण अपील नियम 16-क के तहत जिला शिक्षा अधिकारी विकास जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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ये लिखा आदेश में 

कलेक्टर ने नोटिस में कहा है कि कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित होने वाली अंतरविभागीय समन्वय समिति की बैठक में खुद उपस्थित न होकर अपने अधीनस्थों को भेजना तथा सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहना और शिक्षा विभाग की उपलब्धि सीएम हेल्पलाइन में 20वीं रैंक पर होना यह दर्शाता है कि आप अपने पदीय दायित्वों के प्रति अनुशासनहीनता एवं लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसी स्थिति में क्यों न माह अप्रैल का वेतन रोका जाए और आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने हेतु सक्षम अधिकारी को प्रस्ताव भेजा जाए।

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ये दी चेतावनी 

कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अपने नोटिस में स्पष्ट किया है कि कारण बताओ नोटिस का जवाब 24 घंटे के अंदर समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। जवाब समय पर प्राप्त न होने अथवा संतोषजनक न पाए जाने की स्थिति में आपके विरूद्ध एक पक्षीय कार्रवाई की जायेगी। जिसके लिये आप स्वयं व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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