ग्वालियर, अतुल सक्सेना
22, 23 और 24 अगस्त को ग्वालियर में होने जा रहे भाजपा के संभाग स्तरीय सदस्यता ग्रहण समारोह ने कांग्रेस की नींद उड़ा दी है। भले ही कांग्रेस के नेता ये कह रहे हैं कि हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन हकीकत इससे उलट है। इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि जिला कांग्रेस कमेटी ने अपने कार्यकर्ताओं पर पहरा बैठा दिया है। यानि पार्टी ने समन्वय समितियाँ बना दी हैं जो तीन दिनों तक अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर नजर रखेंगी।
22 विधायकों को साथ लेकर कांग्रेस को करारा झटका देने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की सरकार गिरा दी थी और अपने सिपहसालरों के साथ भाजपा में शामिल होकर मार्च में उनकी सरकार बनवा दी। सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद पूरे प्रदेश में उनके समर्थकों ने कांग्रेस छोड़ दी। सबसे ज्यादा असर सिंधिया के घर और गढ़ ग्वालियर चंबल अंचल में हुआ। यहाँ सेंकड़ों कार्यकर्ता कांग्रेस से अलग हो गए लेकिन ये सब भाजपा की सदस्यता नहीं ले सके। इनके अलावा बहुत से ऐसे कांग्रेस नेता भी हैं जो मौके का इंतजार कर रहे हैं। और मौका मिलते ही कांग्रेस पार्टी छोड़ सकते हैं। छः महीने के लंबे इंतजार के बाद “महाराज” यानि ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर आ रहे हैं ऐसे में जहाँ उनके समर्थकों में उत्साह है तो वहीं कांग्रेस में थोड़ी घबराहट है। हालांकि इस घबराहट को कोई भी कांग्रेसी स्वीकार नहीं कर रहा और ना ही प्रदर्शित कर रहा लेकिन हकीकत यही है।
शहर की तीनों विधानसभाओं के लिए बनी समन्वय समिति
कांग्रेस में घबराहट है कि नहीं ये इसी बात से पता चलता है कि जिला अध्यक्ष ने शहरी क्षेत्र की तीनों विधानसभाओं, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और ग्वालियर दक्षिण के लिए समनवय समितियाँ बना दी हैं , ग्वालियर की समन्वय समिति में 28 नेता, ग्वालियर पूर्व की समन्वय समिति में 41 और ग्वालियर दक्षिण की समन्वय समिति में 34 कांग्रेस नेता शामिल किये गए हैं। ये नेता और पदाधिकारी अपने अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की समस्या को तत्काल दूर करेंगे और इन तीन दिनों 22,23 और 24 अगस्त जो उनपर निगरानी भी रखेंगे। उधर कांग्रेस इन तीन दिनों में धरना भी दे रही है जिसमें शामिल होने के लिए सभी कांग्रेसियों को आवश्यक रूप से कहा गया है। यानि कांग्रेस जिला अध्यक्ष ये निश्चित करना चाहते हैं कि एक भी कांग्रेसी अब कांग्रेस छोड़कर सिंधिया के साथ ना जाए। उधर सिंधिया से जुड़े पूर्व कांग्रेसी ये कहते भी सुनाई दे रहे हैं कि जो लोग समन्वय समिति में शामिल किये गए हैं उनमें से भी बहुत से लोग कांग्रेस छोड़कर सिंधिया के साथ भाजपा में चले जायेंगे।