एक कुत्ते की वजह से 100 से ज्यादा लोगों को लगवाने पड़े रेबीज़ के इंजेक्शन, यह है वजह

Amit Sengar
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डबरा,सलिल श्रीवास्तव। चांदपुर गांव में रहने वाले ग्रामीणों में कुत्ते के काटने से भैंस की मौत के बाद हड़कंप मच गया पाँच सौ से अधिक ग्रामीण आज सिविल अस्पताल डबरा पहुंचे और एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने की होड़ में लाइने लगाकर खड़े हो गये कई को इंजेक्शन लगा तो कई रह गये डाक्टर्स ने जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों से मना किया तो वह एसडीएम के पास पहुँच गये एसडीएम ने लोगों को समझाया और टीम भी बुलवाई।

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एक कुत्ते की वजह से 100 से ज्यादा लोगों को लगवाने पड़े रेबीज़ के इंजेक्शन, यह है वजह

ग्रामीणों ने बताया कि चांदपुर गांव में एक गमी का आयोजन था जिसमें दतिया ज़िले के पाली गांव से मंगाए गए मट्ठे का रायता बनाया गया था लेकिन उस भैंस की मौत हो चुकी है जिसके बाद पता चला की भैंस को एक पागल कुत्ते ने काटा था अब ग्रामीणों में शरीर के अंदर जहर फैलने का डर बना हुआ है जिसके चलते हम लोग सिविल अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के खड़े हैं और पर्चा बनवाने के बाद सभी को डॉक्टरों द्वारा इंजेक्शन लगाया जा रहा है।

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मामले की गंभीरता और ग्रामीणों में दहशत के माहौल के चलते डबरा एसडीएम प्रदीप शर्मा ने तत्काल ग्वालियर से टीम बुलाई और डबरा से भी डॉक्टर लेकर चांदपुर गांव पहुंचे जहां उन्होंने लोगों को समझाया कि दूध पीने से या रायता खाने से रैविज जैसी बीमारी नहीं फैलती इसलिए आप लोग किसी भी प्रकार का मन में संशय पैदा ना करें ना ही भय ग्रस्त हो एसडीएम के समझाने पर ग्रामीण समझ गए पर इतना तो तय है कि आज के समय भी लोगों में जागरूकता की कमी है यह घटना इस बात का जीता जागता प्रमाण है क्योंकि जिस संख्या में लोग सिविल अस्पताल पहुंचे उसे देखकर साफ था कि लोगों के मन में रैविज फैलने की बात पूरी तरीके से घर घर गई वह तो अधिकारी मौके पर पहुंचे और डॉक्टर्स ने उन्हें समझाया नहीं तो भय का यह वातावरण अभी तक बना हुआ होता इतना होने के बाद भी आज लगभग सौ लोगों ने तो एंटी रैविज का इंजेक्शन लगवा ही लिया।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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