कर्जमाफी : कमलनाथ की शिवराज को सामना करने की चुनौती, सिंधिया को भी घेरा

Pooja Khodani
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पूर्व मुख्यमंत्री औऱ पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath) दो दिवसीय ग्वालियर दौरे पर है। पहले दिन शुक्रवार को उन्होंने एक बड़ा रोड शो किया और जनता-कार्यकर्ताओं से रुबरु हुए। वही आज शनिवार को दूसरे दिन उन्होंने प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chohaan) और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पर जमकर हमला बोला। कमलनाथ ने सीएम शिवराज को चुनौती देते हुए कहा कि हमने 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया।मै शिवराज जी को चुनौती देता हूं कि आमने- सामने बैठ जाये मैं आपको 26 लाख किसानों के नाम , उनके गांव का नाम , माफ़ क़र्ज़ की राशि का रिकॉर्ड देने को तैयार हूँ। शिवराज जी झूठ की राजनीति बहुत हो गई ,अब यह चलने वाली नहीं है।

वही सिंधिया के ग्वालियर-ंचंबल के विकासकार्यों को गति ना देने के आऱोपों को नकारते हुए कहा कि कमलनाथ ने कहा कि ग्वालियर -चंबल की राजनीति में व विकास में मैंने अभी तक ज्यादा दखल नहीं दिया पर अब परिस्थितियां बदल गई है और बदली परिस्थिति में ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) का विकास मेरी प्राथमिकता रहेगी।मुझे इस बात का दुख है कि आज से 50 वर्ष पहले प्रदेश की पहचान ग्वालियर से होती थी ,कोई इंदौर-भोपाल-जबलपुर की बात नहीं करता था।पिछले कुछ वर्षों में ग्वालियर-चंबल उपेक्षित क्यों रहा ? बुनियादी सुविधाए तक ग्वालियर को नहीं मिली ? चाहे ग्वालियर की सड़को की बात करे , फ्लाईओवर की बात करे , ग्वालियर क्यों उपेक्षित रहा ? इसका ज़िम्मेदार कौन ?यह चुनाव प्रदेश के साथ ही ग्वालियर-चंबल के भविष्य का चुनाव भी , मेरा प्रयास रहेगा कि हम ग्वालियर-चंबल में विकास कार्य में एक नया इतिहास बनाएं।

मुझे भाजपा को सर्टिफिकेट देने की जरुरत नही
नाथ ने आगे कहा कि आप जानते है कि मालनपुर को लेकर कितनी बड़ी- बड़ी बातें हुई , आज क्या हाल है ? जितने उद्योग लगे नहीं उतने बंद हो गए।मालनपुर को लेकर कितनी घोषणा हुई थी ,यह तस्वीर आपके सामने है।हमने अपनी 15 महीने की सरकार में अपनी नीति और नियत का परिचय दिया।मुझे शिवराज व भाजपा से सर्टिफिकेट नहीं चाहिये , जनता इसकी गवाह है। भाजपा में हिम्मत कैसे हुई जो मुझसे 15 माह का हिसाब मांगते हैं , आज तक अपना 15 साल का हिसाब नहीं दे रहे है , पहले अपना हिसाब दे।

कांग्रेस ने वोट से तो बीजेपी ने नोट से बनाई सरकार
नाथ ने आगे कहा कि हमने वोट से सरकार बनाई , उन्होंने नोट से। बाबा साहेब ने कभी सोचा नहीं होगा कि इस प्रकार की राजनीति अपने देश में होगी।सांसद-विधायक के निधन पर उपचुनाव का प्रावधान तो किया लेकिन सौदा हो जाएगा , बोली लग जाएगी और उपचुनाव होंगे , यह भी भाजपा करेगी ?आज भाजपा ने संविधान व प्रजातंत्र को ही दांव पर लगा दिया।मै जनता से अपील करता हूं कि वो संविधान की रक्षा करें , अपने भविष्य की रक्षा करें।

शिवराज ने 15 साल में कितनी घोषणाएं पूरी की
नाथ ने कहा कि आज शिवराज जी नारियल अपनी जेब में लेकर चलते है , जहां मौका मिलता है फोड़ देते हैं ,घोषणा करने लग जाते हैं , कितनी घोषणाएँ शिवराज जी ने की 15 साल में ,ग्वालियर-चंबल में कितनी घोषणाएँ की , कितनी आज तक पूरी हुई , इसकी सच्चाई जनता जानती है।हमारे कृषि क्षेत्र की आज क्या हालत है ?मै पूछना चाहता हूं कि कृषि उत्पादन बढ़ा, क्या उसके अनुपात में मंडिया बढ़ी , ख़रीदी बढ़ी ?शिवराज सरकार में प्रदेश किसानों की आत्महत्या में नं. 1 , बेरोजगारी में नंबर वन ,महिलाओं से अत्याचार में नं वन।आपने कभी गुजरात-केरल-तमिलनाडु का मज़दूर देखा , मध्यप्रदेश सबसे ज्यादा मजदूरों के उत्पादन वाला प्रदेश बना डाला।

कहाँ गया निवेश
नाथ ने कहा कि प्रदेश में निवेश तब आता है जब विश्वास का माहौल हो।कितनी इन्वेस्टर्स समिट हुई ,,लाखों करोड़ों के निवेश के वादे किए गए , दावे किए गए , कहाँ गया निवेश ?मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर किसी निवेशक को विश्वास नहीं है क्योंकि भाजपा सरकार में मध्य प्रदेश की पहचान माफिया से थी , मिलावट से थी ,भ्रष्टाचार से थी। मुझ पर आज तक कोई उंगली नहीं उठा सका ,मेरा राजनीतिक जीवन बेदाग़ है।

राहत पैकेज को लेकर मोदी को भी घेरा
नाथ ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि मोदी जी के 20 लाख करोड़ में से किसी को 20 रुपये भी मिले क्या ?ये मेरी सरकार में कोरोना को डरोना बताते थे , मुझे ज्योतिष बताते थे।आज सबसे कम टेस्टिंग मध्यप्रदेश में हो रही है।आज स्थिति कितनी भयावह है।जो कह रहे है कि उन्हें सीएम नहीं बनाया तो यह सभी जानते है कि विधायकों ने किसे अपना नेता चुना और किसे मात्र 18 वोट मिले ? कौन सौदागर है , किसने सौदा किया , यह भी सभी जानते है ?


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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