“अगले बरस तू जल्दी आ” की प्रार्थना के साथ गणपति बप्पा की विदाई, निगम ने लगाए कैम्प

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। दस दिवसीय गणेशोत्सव का आज अनंत चतुर्दशी पर समापन हो गया। श्रद्धालुओं ने गणेश जी का विसर्जन “अगले बरस तू जल्दी आ” की कामना और “गणपति बप्पा मोरया” के जयघोष के साथ किया। लोगों ने शहर के जलाशयों में प्रतिमाओं का विसर्जन किया वहीं नगर निगम ने लोगों की सुविधा के लिए कैम्प लगाए और चलित जलाशय (पानी की टंकियां) भी शहर में रखे गए।

अनंत चतुर्दशी के मौके पर आज गणपति बप्पा के भक्त उन्हें विदा कर रहे हैं। लोग शहर के आसपास के जलाशयों में जाकर गणेश प्रतिमा का विसर्जन कर रहे हैं और अगले साल जल्दी आने की कामना भी श्रीगणेश से कर रहे हैं।

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"अगले बरस तू जल्दी आ" की प्रार्थना के साथ गणपति बप्पा की विदाई, निगम ने लगाए कैम्प

"अगले बरस तू जल्दी आ" की प्रार्थना के साथ गणपति बप्पा की विदाई, निगम ने लगाए कैम्प

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उधर बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो जलाशयों तक नहीं जा पाते ऐसे लोगों के लिए ग्वालियर नगर निगम ने विभिन्न चौराहों पर कैम्प लगाकर गणेश प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था की है। नगर निगम ने बारदरी चौराहा, फूलबाग चौराहा, हजीरा, कटोरा ताल, महाराज बाड़ा, शिंदे की छावनी गणेश मंदिर गणेश विसर्जन कैम्प लगाए हैं।  यहाँ नगर निगम के कर्मचारी तैनात हैं  जो भक्तों द्वारा दी जा रही गणेश प्रतिमाओं को इकठ्ठा कर रहे हैं जिन्हें वे शाम को जल में विसर्जित करेंगे।

चलित जलाशयों में हो रहा गणपति विसर्जन

श्री गणपति प्रतिमा के विसर्जन के लिए शहर के विभिन्न चौराहों पर चलित जलाशय में गंगा जल युक्त जल की व्यवस्था भी की गई है। गणेश विसर्जन के लिए बारदरी चौराहा, फूलबाग चौराहा, हजीरा चौराहा, कटोरा ताल, महाराज बाड़ा, शिंदे की छावनी गणेश मंदिर पर चलित जलाशय (पानी की टंकियां)  रखे गए हैं।  शहरवासी इन चलित जलाशयों में भी गणपति प्रतिमा का विसर्जन कर रहे हैं ।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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