तीन घंटे अराजक तत्वों के हवाले Gwalior शहर, फिर उजागर हुआ पुलिस का System Failure

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। आज गुरुवार 16 जून को एक बार फिर ग्वालियर (Gwalior)  में ऐसा कुछ हुआ जो पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है, शहर के हर नागरिक के जेहन में एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर पुलिस का इंटेलिजेंस सिस्टम फेल क्यों हुआ? क्यों पुलिस को इस बात की भनक नहीं लगी कि भारी संख्या में भीड़ शहर में जुटने वाली है और प्रदर्शन के नाम पर शहर की शांति व्यवस्था को भंग कर तोड़फोड़ करने वाली है।

योजना की घोषणा, विपक्ष का विरोध 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....