Gwalior News : अलर्ट हुआ जिला प्रशासन, 15 दिन में कराना होगा फायर ऑडिट, फिर होगा एक्शन

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में हुई आगजनी से सबक लेते हुए ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior district administration) अलर्ट हो गया है।  ग्वालियर कलेक्टर (Gwalior Collector) ने एक आदेश जारी कर ग्वालियर जिले की सीमा में संचालित शासकीय अस्पताल, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम को निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहाँ फायर फाइटिंग सिस्टम लगा 15 दिन में उसका फायर ऑडिट (Fire Audit) करा लें। धारा 144 के तहत जारी इस आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि आदेश का उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में हुई आगजनी की घटना में मासूम बच्चों की मृत्यु ने सभी का दिल दहला दिया है साथ ही प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।  घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दे दिए हैं साथ ही कहा है कि दोषी कोई भी बक्शा नहीं जाएगा।

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उधर घटना के बाद से सभी जिले अलर्ट मोड पर आ गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश मिलने के बाद ग्वालियर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने धारा 144 में मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए मंगलवार शाम एक आदेश जारी किया है।  आदेश में ग्वालियर जिले की सीमा में संचालित सभी शासकीय अस्पताल, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम और ज्वलनशील पदार्थों का कारोबार करने वाले व्यवसाइयों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहाँ नेशनल बिल्डिंग कोड के तहत फायर फाइटिंग सिस्टम की व्यवस्था कर लें।

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कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह  ने आदेश में कहा कि आदेश दिनांक से 15 दिन के अंदर फायर फाइटिंग सिस्टम लगाकर नगर निगम से उसका फायर ऑडिट कराना सुनिश्चित किया जाये।  उसके बाद नगर निगम की NOC भी ली जाये।  आदेश में ये भी कहा गया है फायर ऑडिट के बाद नगर निगम से मिली NOC को अस्पताल या दुकान में ऐसी जगह लगाएं जो स्पष्ट दिखाई दे।

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जिला दंडाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आदेश में कहा है कि जो भी व्यक्ति या संस्था इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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