व्यापारियों, प्रशासन के बीच बनी सहमति, मार्केट बंद रखने का फैसला वापस लिया

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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। एक जून से ग्वालियर (Gwalior) में शुरू हुए अनलॉक (unlock) के तीसरे ही दिन 3 जून को सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) जैसे महत्वपूर्ण नियम का उल्लंघन करने पर प्रशासन ने दो मार्केट को बंद करा दिया था। प्रशासन ने सख्त हिदायतों के साथ व्यापार की बात कही तो कुछ बिंदुओं पर सहमति नहीं बनी। जिसके बाद विरोध स्वरूप चार मार्केट ने अपना व्यापार स्वेच्छा से बंद रखने का एलान कर दिया। मगर प्रशासन और व्यापारियों के बीच बैठक के बाद सहमति बन जाने के बाद मार्केट खोलने का फैसला ले लिया गया।

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दरअसल 47 दिन के कोरोना कर्फ्यू (corona curfew) के बाद शुरू हुए अनलॉक के कारण मार्केट में ग्राहकों की भीड़ उमड़ गई। लोग खरीददारी करने मार्केट की तरफ जाने लगे। केवल शाम पांच बजे तक और लेफ्ट-राइट के फार्मूले से खुल रहे मार्केट में लोगों की भीड़ उमड़ गई। जिसने सोशल डिस्टेंसिंग जैसे महत्वपूर्ण नियम की धज्जियां उड़ा दी। सुभाष मार्केट और नजरबाग मार्केट में नियमों की अनदेखी की सूचना पर गुरुवार को प्रशासन ने एक दुकान सील कर दी तो एक दुकान पर 1000 रुपए का जुर्माना किया और एक दुकान का सामान जब्त कर लिया।

प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद दुकानदारों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया। रात को व्यापारियों की एसोसियेशन और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच बैठक हुई। प्रशासन ने सलाह दी कि काउंटर छोटे कर लो और जमीन पर बैठकर व्यापार करो। दुकानदारों को ये बात नागवार गुजरी और सुभाष मार्केट एवं नजरबाग मार्केट के दुकानदारों ने फैसला किया कि हम स्वेच्छा से ही बाजार बंद कर देते हैं। इन दोनों मार्केट का समर्थन करते हुए इसने लगी दो अन्य मार्केट न्यू सुभाष मार्केट और नेहरू मार्केट ने भी दुकानें बंद रखने का फैसला लिया।

चार मुख्य मार्केट बंद होने की सूचना पर जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन और व्यापारियों से बात की। उसके बाद शुक्रवार को कलेक्टर (Collector) के निर्देश पर एसडीएम (SDM) अनिल बनवारिया ने एक बार फिर व्यापारियों के साथ बैठक की। जिसमें आपसी सहमति से नियम तय हुए। और दोनों ही पक्षों ने लिखित सहमति दी। उसके बाद व्यापारियों ने जिद छोड़ दी और मार्केट बंद रखने का फैसला वापस ले लिया। व्यापारियों ने कहा कि हम नियमों का पालन करेंगे, उधर प्रशासन ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। हमें इस बात का ध्यान रखना है इसलिए सख्ती जरूरी है।

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Harpreet Kaur

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