Gwalior News: भारत बंद के समर्थन में निकाला मशाल जुलूस, मांगा जन सहयोग

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर सोमवार 27 सितम्बर को भारत बंद के तहत होने वाले  ग्वालियर बंद की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भारत बंद के लिए किसान नेता जन समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। किसान नेताओं ने भारत बंद को सफल बनाने के लिए शहर में मशाल जुलूस निकाले और जनता से अपील की कि वो बंद में किसानों का साथ दें।

अखिल भारतीय किसान सभा के नेता अखिलेश यादव ने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कराने, सभी कृषि  उत्पादनों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करना, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर कृषि उपज की एमएसपी तय करना, बिजली कानून 2020 वापस लेने के साथ साथ श्रम कानूनों में परिवर्तन पर रोक लगाने, महंगाई कम करने, सावर्जनिक क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक लगाने जैसी मांगों के साथ कल 27 सितम्बर को भारत बंद रहेगा । बंद में जनता का सहयोग मांगने के लिए रविवार की शाम ग्वालियर में दो स्थानों से मशाल जुलूस निकाले गए और केंद्र सरकार विरोधी नारे लगाए गए।

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अखिलेश यादव ने कहा कि एम्बुलेंस, मेडिकल सुविधाएं, सहित अतिआवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है। सुबह 06 बजे से ही जत्थे शहर बंद की अपील करने सडकों पर निकलना शुरू हो जायेगें। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के किसान भी ट्रेक्टर लेकर शहर में बंद की अपील करने निकलेंगे, बंद का आह्वान शाम 04 बजे तक किया गया है, साथ ही यह भी दावा किया गया है कि इस बंद को आम जनता के सभी वर्गो का व्यापक समर्थन मिल रहा है इसे देखते हुए बंद शानदार रूप से सफल होगा।

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गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख 19 राजनीतिक दलों ने किसानों के बंद को अपना समर्थन दिया है। इसके तहत ग्वालियर में भी कांग्रेस और मार्क्सवादी  कम्युनिस्ट पार्टी सहित भाकपा, सपा, मजदूर दल, सीटू, इंटक के कार्यकर्ता भी बंद सफल कराने के लिए निकलेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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