पत्रकारों ने निकाली ‘न्याय यात्रा’ मंत्री तोमर को सौंपा पत्र, समस्या दूर नहीं होने तक संघर्ष जारी रहने का ऐलान

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि दूसरों के हक की लड़ाई लड़ने वाला पत्रकार अपने हक के लिए अब सड़क पर संघर्ष करने के लिए मजबूर हैं। खास बात ये है कि ये संघर्ष उस न्यायोचित मांग के लिए है जिसकी जानकारी छोटे से बड़े सभी जनप्रतिनिधियों को है, लेकिन इनके पास से सिर्फ आश्वासन ही मिला है। मगर अब पत्रकार आर पार के मूड में हैं। उन्होंने सोमवार को न्याय यात्रा निकालकर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को ज्ञापन सौंपा और कहा कि हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती।

मामा माणिक चंद वाजपेयी पत्रकार कॉलोनी में शहर के पत्रकारों को भूखंड मिले लेकिन ये बहुत दुखद है कि पिछले 12 साल से उन्हें जमीन पर कब्जा नहीं मिला, इतना ही नहीं जमीन न्यायालय में विवादित रही उस अवधि का उनसे लीजरेंट मांगा जा रहा है। पत्रकार इसे लेकर अब संघर्ष का बिगुल बजा चुके हैं। सोमवार को शहर के पत्रकार फूलबाग पर इकट्ठा हुए और यहाँ से स्टेशन बजारिया पहुंचे उसके बाद न्याय यात्रा निकालते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के रेसकोर्स स्थित बंगले पर पहुंचे। न्याय यात्रा में प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार डॉ सुरेश सम्राट, राजेन्द्र तलेगांवकर,प्रदीप तोमर, गुरूशरण सिंह, सुरेन्द्र माथुर, जोगेन्द्र सेन, रमन पोपली, दिनेश राव, अशोक पाल, जावेद खान, राजलखन, बृजमोहन शर्मा, गोपाल त्यागी, रवि उपाध्याय, विक्रम प्रजापति, छोटू जायसवाल, रमन शर्मा, सुनील पाठक, विनोद शर्मा, नासिर गौरी, प्रमोद शर्मा आनंद त्रिवेदी सहित कई अन्य पत्रकार शामिल हुए। सभी पत्रकार नारे लगाते हुए प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले पर पहुंचे यहां पर उन्होंने मंत्री के समक्ष अपनी मांगे रखी और उन्हें ज्ञापन सौंपा।

पत्रकारों की बात सुनने के बाद उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि मामा माणिकचंद वाजपेयी पत्रकार कॉलोनी के विवादित अवधि के लीजरेंट का शीघ्र ही निराकरण किया जाएगा। इस संबंध में वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की अन्य मांगों पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की समस्याओं से वे वाकिफ हैं, उन्होंने इन मांगों को लेकर अपने पदवेश त्यागने वाले वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रवेश पांडे से कहा कि वे पदवेश धारण करें। इस पर पांडे ने कहा कि मांग पूरी होने पर ही वे पदवेश धारण करेंगे। गौरतलब है कि वरिष्ठ पत्रकार चंद्रवेश पांडे ने संकल्प लिया है कि जब तक इस समस्या का निराकरण नहीं हो जाता तब तक वे पदवेश (जूते चप्पल) नहीं पहनेंगे।

बीमा राशि पर सीएम की घोषणा का स्वागत

उधर प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश शर्मा सहित सभी पत्रकार साथियों ने पत्रकारों की बीमा राशि को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हमारी लीजरेंट की मांग को भी तत्काल स्वीकार करें। पत्रकारों ने कहा कि उनकी यह न्याययात्रा तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो जाता।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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