Gwalior Fire Accident: मैरिज गार्डन में सिलेंडर फटने से लगी भयंकर आग, मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियां

ग्वालियर में आग लगने की सूचना आनन फानन में दमकल विभाग को दी गई। वहीं, मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने के प्रयास में जुटी हुई है।

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Gwalior Fire Accident: ग्वालियर जिले से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है, जहां ग्वालियर के एजी ऑफिस पुल के नीचे बने रंग महल गार्डन और संगम गार्डन में भीषण आग लग गई। जिससे पूरे परिसर में हड़कंप मच गया। आनन फानन में दमकल विभाग को इसकी सूचना दी गई। वहीं, मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने के प्रयास में जुटी हुई है। पुलिस द्वारा इसकी जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।

सिलेंडर फटने से लगी आग

आपको बता दें ग्वालियर में शुक्रवार देर रात मैरिज गार्डन में सिलेंडर फटने के कारण आग लग गई। वहीं आग की लपटे इतनी तेज थीं कि आस-पास के सभी मैरिज गार्डन को अपने चपेट में ले ली। वहीं इन शादी के हॉलों में हाई प्रोफाइल शादियां देखने को मिलती हैं।

मौके पर पहुंची दमकल की गाड़िया

ग्वालियर जिले में एजी ऑफिस पुल के नीचे बने रंग महल गार्डन और संगम गार्डन में सिलेंडर फटने के कारण भयंकर आग लग गई। वहीं मौके पर ही आग पर काबू पाने के लिए मौके पर दमकल की गाड़ियां पहुंच गई। दमकल की टीम द्वारा लगातार आग बुझाने पर काबू पाया जा रहा है।

क्या गार्डन संचालकों द्वारा बरती गई लापरवाही?

जिस तरह से आग एक गार्डन से दूसरे और दूसरे से तीसरे में फैली उससे कहीं ना कहीं यह भी प्रतीत हो रहा है कि गार्डन संचालकों द्वारा तय मानकों के अनुसार गार्डन में आग लगने की स्थिति में ली जाने वाली सावधानियों में निश्चित तौर पर लापरवाही बरती गई है। अगर ऐसा है तो यह ग्वालियर नगर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी बड़े सवालिया निशान पैदा करता है।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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