नर्सिंग फर्जीवाड़ा मामला: CBI ने न्यायालय में पेश की रिपोर्ट, HC हुआ हैरान

Atul Saxena
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Nursing forgery case :  मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े की जांच अब CBI कर रही है, पिछली सुनवाई में एमपी हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सीबीआई को 364 कॉलेजों की जांच सौंप दी थी और उसकी रिपोर्ट आज 12 मई को कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे, सीबीआई ने आज कुछ कॉलेजों की जांच कर रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की जिसे देखकर हाई कोर्ट हैरान रह गया।

CBI ने HC में पेश की जांच रिपोर्ट 

नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में आज फिर अहम सुनवाई हुई, जिसमें सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश की जिसे सुनकर कोर्ट ने अप्रसन्नता जताते हुए हैरानी भी जताई। एडवोकेट जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि सीबीआई ने जांच के लिए चार स्लैब बनाये है और उसी आधार पर कुछ कॉलेजों की सेम्पल जांच रिपोर्ट आज पेश की।

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जांच रिपोर्ट के बाद कोर्ट हुआ हैरान 

आपको बता दें कि CBI  की रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा हुआ, सीबीआई  364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है इनमें से 22 सरकारी कॉलेजों की रिपोर्ट देखकर भी कोर्ट को बहुत हैरानी हुई।

अधिकांश नर्सिंग कॉलेज नहीं मिले उपयुक्त 

बताया जा रहा है कि CBI ने जो रिपोर्ट पेश की है उसमें 22 गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेजों में से 50 प्रतिशत कॉलेजों में कमियां पाई गईं , 10 साल और उससे ज्यादा पुराने नर्सिंग कॉलेज में 33 प्रतिशत ही उपयुक्त पाए गए, 5 साल और उस से ज्यादा पुराने नर्सिंग कॉलेज 67 प्रतिशत ही  उपयुक्त मिले और  पिछले 5 साल और उससे कम वाले कॉलेजों में 44 प्रतिशत ही जांच में सही उपयुक्त पाए गए।

कोर्ट ने दिए ये आदेश, अगली सुनवाई 27 जुलाई को  

रिपोर्ट सुनने के बाद हाई कोर्ट ने इन नर्सिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग पर भी सवाल खड़े किये, कोर्ट ने कहा कि नर्सिंग स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग वाले हॉस्पिटल से नोटराइज्ड एफिडेविट मांगा जाए,  ट्रेनिंग लेने वाले स्टूडेंट जानकारी की मांगी जाए, मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी, गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने मप्र में नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगा रही है, सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के फैसले को बरक़रार रखा है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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