Gwalior News : मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के आदेशों का पालन अब प्रदेश में दिखाई देने लगा है अच्छी बात ये है कि प्रदेश के लोग खुद इसका पालन करने करने आने लगे हैं, परसों मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेश के बाद कल गुरुवार 14 दिसंबर को प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने धर्मगुरुओं के साथ अधीनस्थों को शासन के आदेश के बारे में बताया और कहा कि कोलाहल अधिनियम का पालन पूरी तरह से होना चाहिए, इसका असर तुरंत दिखाई दिया और ग्वालियर में आज शुक्रवार को जुमे के विशेष दिन के बाद भी मुस्लिम समाज ने मस्जिदों से तो वहीँ हिंदुओं ने भी मंदिरों से लाउड स्पीकर उतार कर मिसाल पेश की।
दरअसल 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद डॉ मोहन यादव ने सबसे पहले कोलाहल अधिनियम का सख्ती से पालन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए, उन्होंने मीटिंग में कहा कि कहीं भी इसका उल्लंघन ना हो ऐसी व्यवस्था बनाई जाये, निर्धारित मानक से कहीं भी लाउड स्पीकर का शोर सुनाई नहीं दे, धार्मिक स्थलों पर लगे लाउड स्पीकर भी इस दायरे में रहेंगे, उड़नदस्ते गठित कर तत्काल शिकायत पर एक्शन लिया जाए और ध्वनि प्रदूषण रोका जाये और एक्शन लिया जाये।
मुख्यमंत्री ने आदेश के बाद शासन ने तत्काल जिला स्तर पर आदेश भेजे गए जिसके बाद प्रदेश के जिलों के कलेक्टर और एसपी ने धर्म गुरुओं और अधीनस्थों के साथ बैठक कर समझाइश दी और कानून का पालन करने की हिदायत भी दी , ग्वालियर में भी कल 14 दिसंबर गुरुवार को प्रशासन ने बैठक ली और कहा कि कोलाहल अधिनियम का पालन होना चाहिए ये सभी सुनिश्चित करें।
ग्वालियर में कहाँ दिखाई दी गंगा जमुनी तहजीब?
इस आदेश के पालन के दौरान आज ग्वालियर के हस्तिनापुर थाना क्षेत्र में ऐसा नवाचार देखने को मिला जिसने साबित कर दिया कि गंगा जमुनी तहजीब अभी भी हमारे देश में और खासकर ग्रामीण क्षेत्र में जिंदा है जिसे कोई चाहकर भी मार नहीं सकता, दरअसल वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर एसडीओपी बेहट संतोष पटेल ने हस्तिनापुर थाना क्षेत्र में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में ग्रामीणों के साथ एक बैठक की और उन्हें समझाया कि वो कितनी तेज आवाज से ज्यादा लाउड स्पीकर नहीं बजा सकते , यदि नियम का उल्लंघन हुआ तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।
अधिकारियों की समझाइश का क्या हुआ असर?
इस बैठक का परिणाम बहुत सकारात्मक और तुरंत हुआ, सिरसोद गाँव का मुस्लिम समाज आगे आया और जुमे के बावजूद नमाज से पहले मस्जिद के ऊपर लगे लाउड स्पीकरों को तुरन्त नीचे उतार दिया, उधर हिंदू समाज के लोगों ने भी मंदिरों पर लगे लाउड स्पीकर नीचे उतार दिए।
एसडीओपी संतोष पटेल और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों समाजों ने अपने अपने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउड स्पीकर उतार कर भाईचारे का परिचय दिया, उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि हमारी वजह से किसी और को परेशानी हो , हम सरकार के आदेश का सम्मान करते हैं और उसका पालन भी करेंगे।
एसडीओपी संतोष पटेल ने दोनों समाजों के लोगों की इस पहल की प्रशंसा की और उनका शाल श्रीफल और फूल मालाओं से स्वागत किया, उन्होंने कहा कि पास में एक स्कूल भी है जहाँ बच्चे शोर से परेशान होते थे उन्हें भी राहत मिलेगी , ये एक अच्छी पहल है इससे दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट