ग्वालियर। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से पहले बनने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका की पुरजोर मांग उठाई है। अखाड़े के साधू संतों ने आज ग्वालियर में बड़ी बैठक कर राम मंदिर निर्माण से लेकर राम लला की पूजा तक उनकी भूमिका से जुड़े प्रस्तावों पर फैसले लिए।
ग्वालियर की महारानी लक्ष्मी बाई कॉलोनी में स्थित ऐतिहासिक गंगादास जी की बड़ी शाला में देश के अलग अलग राज्यों में निर्मोही अखाड़े का प्रतिनिधित्व करने वाले साधु संत जुटे। साधु संतों ने राममंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े की भूमिका एवं प्रतिनिधित्व तय करने के लिए कई फैसले लिए। बैठक में प्रमुख रूप से मौजूद अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष मदन मोहन दास जी महाराज ने बताया कि निर्मोही आखड़े ने अपने लिए ट्रस्ट के निर्माण से लेकर मंदिर में पूजा पाठ के लिए अधिकार की मांग की है। रामानंदी संप्रदाय से जुड़े निर्मोही अखाड़े के संतों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को समुचित प्रतिनिधित्व देने के निर्देश दिए थे। केंद्र सरकार ने निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में शामिल होने के लिए अपना प्रतिनिधि तय करने को कहा है।निर्मोही अखाड़ा की मुख्य द्वाराचार्य पीठ ग्वालियर की गंगा दास की शाला है और इसी विषय को लेकर ग्वालियर में सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक निर्मोही अखाड़े द्वारा आयोजित की गई । बैठक में देशभर से निर्मोही अखाड़ा के 15 संत शामिल हुए । बैठक में राम मंदिर ट्रस्ट में पदाधिकारी तय करने, राम मंदिर में रामलला की सेवापूजा का अधिकार देने, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद बचने वाली भूमि को निर्मोही अखाड़ा को सौपने के एजेंडे पर चर्चा की गई और निर्णय लिया गया कि राम मंदिर निर्माण के दौरान समय-समय पर होने वाली महत्वपूर्ण बैठकों में निर्मोही अखाड़े के 15 पंचों को विशेष रूप से शामिल किया जाए और मंदिर का परंपरा अनुसार भव्य निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाए।