ग्वालियर परिवहन विभाग के हाल भी बदहाल, बिना परमिट, फिटनेस और अग्निशामक यंत्र के दौड़ती मिली स्कूल और सवारी बसें

Gwalior News

Guna bus accident, Gwalior police bus checking : ग्वालियर के पड़ोसी जिले गुना में बीती रात हुई ह्रदय विदारक बस दुर्घटना के बाद ग्वालियर ट्रैफिक पुलिस सड़क पर उतरी, चेकिंग के दौरान पुलिस की आँखें उस समय फटी रह गई जब  बिना परमिट, बिना फिटनेस, बिना वैध दस्तावेज और बिना अग्निशामक यंत्र के स्कूल बसें और सवारी बसें सड़क पर दौड़ती मिली, पुलिस ने ऐसे कई वाहनों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की और कई बसों को जब्त कर थाने पहुंचा दिया।

गुना बस हादसे के बाद सीएम मोहन यादव ने RTO को निलंबित किया    

गुना की सेमरी घाटी पर बीती रात डंपर की टक्कर के बाद आग के गोले में बदली सवारी बस में जलकर 13 यात्रियों की जान चली गई और 17 घायल हो गए जिनका इलाज जारी है, घटना के बाद सीएम मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए, गुना आरटीओ, सीएमओ को निलंबित कर दिया साथ ही परिवहन विभाग और अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारियों की भूमिका की जाँच कर उनपर कार्रवाई की निर्देश मुख्य सचिव को दिए।

ग्वालियर में बिना परमिट, फिटनेस के दौड़ती मिलीं बसें 

सीएम के सख्त तेवरों को देखते हुए ग्वालियर प्रशासन एक्शन में आ गया, ग्वालियर पुलिस ने सड़क पर उतरकर वाहनों खासकर बसों की चैकिंग शुरू कर दी, ट्रैफिक पुलिस ने सवारी बसों और स्कूल बसों को जब चेक किया तो वो आश्चर्य में पड़ गई, पुलिस को कई ऐसी स्कूल और सवारी बसें मिली जिसके पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं था, पोल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं था, परमिट नहीं था, इतना ही नहीं सबसे जरूरी अग्निशामक यंत्र भी नहीं था।

स्कूल बस से गायब था, सवारी बस में जंग लगा अग्निशामक यंत्र  

चेकिंग पॉइंट पर मौजूद ट्रैफिक सूबेदार हिमांशु तिवारी ने कहा कि आज हमने अभी तक करीब 100 बसें चेक की और सभी में कुछ न कुछ कमी मिली जिनके खिलाफ हमने चालान काटे, बच्चों के लेकर जा रही डीपीएस स्कूल की एक बस को जब चेक किया गया तो उसमें अग्निशामक यंत्र नहीं था , बच्चों को भिजवाकर बस को थाने पर खड़ा करवा दिया, कुछ सवारी वाहनों में जंग लगे एक्सपाइरी डेट के अग्निशामक यंत्र मिले।

उधर डीपीएस की बस चला रहे बुजुर्ग ड्राइवर कृष्णकांत शर्मा ने कहा कि मैं दूसरी बस चलाता हूँ आज इस बस पर आया हूँ, उसने कहा कि अग्निशामक यंत्र भरने के लिए गया है इसलिए वो स्टैंड पर नहीं है, उससे जब सवाल किया गया कि यदि ऐसे में बस में कोई हादसा हो जाये तो आप क्या करोगे? तो ड्राइवर ने मासूमियत से जवाबी दिया कि सुपरवाइजर और मैनेजमेंट जानें हम तो ड्राइवर हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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