शिवराज का बड़ा बयान, 2 अप्रैल 2018 की घटना के केस वापस लेने पर गंभीरता से विचार करेगी सरकार

Atul Saxena
Published on -

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने रविवार को ग्वालियर में कहा कि मुझे ख़ुशी है कि सामाजिक समरसता का एक नया युग शुरू हो रहा हैं, मुझे संतोष है कि अब समाज टूटेगा नहीं।  उन्होंने कहा कि अब सभी चाहते है कि सब एकजुट हो, मां के दूध में दरार ना पड़े। सीएम ने कहा कि 2 अप्रैल 2018 की घटना (incident of 2 April 2018) के समय दर्ज केस वापस लेने पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ग्वालियर (Gwalior News) प्रवास के दौरान सामान्य वर्ग के लोगों के प्रतिनिधिमण्डल और आरक्षित वर्ग के प्रतिनिधिमंडल ने अलग अलग मुलाकात की। दोनों वर्ग के प्रतिनिधिमंडलों ने 2 अप्रैल 2018 को ग्वालियर में हुई हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण और असामाजिक तत्वों द्वारा समाज में दरार डालने वाला बताया। समाज के नेताओं ने कहा कि कुछ लोग मध्य प्रदेश का माहौल ख़राब करना चाहते हैं लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।

ये भी पढ़ें – पेंशनर्स के लिए बड़ी अपडेट, विभाग ने जारी किया आदेश, इस तरह मिलेगा पेंशन-फैमिली पेंशन का लाभ

समाज के नेताओं ने सीएम शिवराज से निवेदन किया कि उस घटना के दौरान दोनों ही वर्गों के लोगों पर आपराधिक केस दर्ज किये गये थे जिन्हें वापस ले लिया जाये।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरोसा दिया कि इस विषय में कानून विशेषज्ञों की राय लेकर जल्दी ही कोई फैसला लिया जायेगा।

ये भी पढ़ें – Government Job 2022 : 650 पदों पर निकली है भर्ती, 27 मई लास्ट डेट, 30000 सैलरी, जून में परीक्षा

मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे बहुत ख़ुशी है कि आज सामाजिक समरसता का एक नया युग ग्वालियर चम्बल संभाग में शुरू हो रहा है। दोनों वर्गों के प्रतिनिधिमंडल ने इच्छा जताई है कि समाज में खाई नहीं रहनी चाहिए, मां के दूध में दरार नहीं डलनी चाहिए, दिलों को एक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज मेरे मन में एक संतोष है कि हमारा समाज टूटेगा नहीं हम मिलकर साथ चलेंगे।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News