ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं, इसके साथ ही लोग टाउनशिप या मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स में तैनात निजी सुरक्षा एजेंसियों के गार्ड्स पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। कारण ये है कि 1 नवंबर की रात को शहर की खूबसूरत और शानदार मल्टी स्टोरी बिल्डिंग सिल्वर स्टेट में बाकायदा एंट्री गेट से सुरक्षा गार्ड से परमिशन लेकर बदमाश घुसते है, प्रसिद्द होम्योपैथ डॉ राजेश गुप्ता के घर की घंटी बजाते हैं और उनपर गोली चलाते हैं और वापस भाग भी जाते हैं लेकिन किसी के हाथ नहीं आते। खास बात ये है कि घटना को अब तक कई घंटे बीत चुके हैं लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक खाली ही हैं।
ग्वालियर के विश्व विद्यालय थाना क्षेत्र में स्थित सिल्वर स्टेट मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के फ़्लैट नंबर 803 में रहने वाले होम्योपैथी के प्रसिद्द चिकित्सक डॉ राजेश गुप्ता पर दो हमलावरों ने घर में घुसकर गोली चला दी, खास बात ये है कि शरीर से तंदरुस्त डॉ गुप्ता ने दरवाजे पर ही बदमाशों से संघर्ष किया और उनको घर में घुसने नहीं दिया। इस संघर्ष में बदमाश के कट्टे से निकली गोली डॉ गुप्ता की हाथ उंगली को छूकर निकल गई। जिससे वे घायल हो गए।
डॉ राजेश गुप्ता के मुताबिक 01 नवंबर की रात को वे खाना खाकर घर पर बैठे थे। करीब 10 बजे डोरबेल बजी, वे दरवाजा खोलने उठे तो लड़के जबरन घर में घुसने की कोशिश करने लगे। युवकों के इरादों को भांपते हुए डॉ गुप्ता ने उन्हें दरवाजे पर ही रोक दिया, विरोध करने पर बदमाश झगड़ने लगे।
मैंने दरवाजा बंद करने की कोशिश की तो वे धक्का देने लगे, इसी बीच एक बदमाश ने जेब से कट्टा निकाला और गोली चलाने लगा मैंने उसका हाथ पकड़ लिया, गोली तो चल गई लेकिन वो मेरे हाथ की उंगली को छूकर निकल गई। मेरे विरोध से घबराकर वो भागने लगा। मैंने दूसरे साथी को पकड़कर उसकी पिटाई लगाई तो वो भी धक्का देकर भाग गया।
गोली चलने की आवाज से वहां शोर होने लगा और पड़ोसी इकठ्ठा हो गए, तत्काल पुलिस को फोन किया गया। रात को ही जिला अस्पताल मुरार में मेडिकल चैकपअ हुआ और फिर एफआईआर दर्ज की गई। घटना के बाद एक्टिव हुई विश्व विद्यालय थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच ने तस्दीक शुरू की।
पुलिस ने सिल्वर स्टेट में लगे सीसीटीवी फुटेज चैक किये उसमें दो संदिग्ध लड़के दिखाई दिए उनमें से एक लाल शर्ट पहने है और एक सफ़ेद शर्ट पहने है और मुंह ढके हुए हैं। पहले ये दोनों लिफ्ट से जाने का प्रयास करते दिख रहे हैं फिर जीने से ऊपर जाते दिख रहे है, गेट के सुरक्षा गार्ड ने कहा कि वे किसी शेखर से मिलने की कहकर बिल्डिंग में घुसे थे।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावरों की तलाश शुरू की लेकर करीब 45 घंटे बीत जाने के बाद भी उनका अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। हालाँकि एडिशनल एसपी क्राइम राजेश दंडोतिया का कहना है कि पुलिस की पड़ताल जारी है आरोपियों की पहचान जल्दी होगी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
बहरहाल इसे प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी के गार्ड्स की लापरवाही कहें या गंभीर चूक कि जिस शेखर का नाम लेकर हमलावर घुसे उन्होंने भी सीसीटीवी में दिख रहे बदमाशों को पहचानने से इंकार कर दिया तो क्या सुरक्षा गार्ड बिना जाँच पड़ताल किसी को भी सोसायटी में घुसने देते है , उधर पुलिस भी घंटों बाद भी खाली हाथ है जिससे उसकी कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं , अब देखना होगा कि उसे सफलता कब तक मिलती है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....