अनिता को मिली नई उम्मीद ,मिला 10 हज़ार का ब्याज मुक्त ऋण

Gaurav Sharma
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होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। जिले के ग्राम मिसरोद की निवासी अनीता सोलंकी के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना एक नई उम्मीद लेकर आई है। अनीता सिलाई का कार्य करती हैं। कोरोना संक्रमण से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों व सीमित आर्थिक संसाधनों में वह यह व्यवसाय अपेक्षानुरूप संचालित नहीं कर पा रही थीं। जिसके चलते मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के तहत अनीता सोलंकी को 10 हजार रूपए का ऋण बिना ब्याज के दिए गया है, जिससे उनको अपने सिलाई का व्यवसाय करने में सहारा मिलेगा।

अनिता को मिली नई उम्मीद ,मिला 10 हज़ार का ब्याज मुक्त ऋण

अनीता सोलंकी को आज मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर्स ऋण वितरण कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल, विधायक सीतासरन शर्मा, विधायक विजयपाल सिंह, जनपद अध्यक्ष श्रीमती संगीता सोलंकी ,कलेक्टर धनंजय सिंह एवं जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम ने 10 हजार रूपए ऋण राशि के चेक दिया।

सहायता पाकर अनीता सोलंकी बताती है कि वो खुश है। मेरे पास सिलाई मशीन अकेली थी ,अब वे इस राशि से पीको व इंटरलॉक मशीन खरीदेंगी, जिससे उनकी आमदानी बढ़ेगी और वे अपना और अपने परिवार का भरण पोषण अच्छी तरह कर पाएंगी। अनीता सोलंकी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि प्रदेश सरकार ने छोटे व्यवसायियों को आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए बहुत अच्छी योजना प्रारंभ की है, जिसके माध्यम से उनके जैसे अनेकों ग्रामीण पथ विक्रेता लाभान्वित हो सकेंगे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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