होशंगाबाद/इटारसी, राहुल अग्रवाल। केसला विकासखंड अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पथरोटा में रोजगार सहायक पर लगे भ्रष्टाचार करने आई जांच टीम और शिकायतकर्ता के बीच विवाद हो गया। शिकायतकर्ताओं के अनुसार जांच टीम में शामिल अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही थी। विवाद को बढ़ता देख अधिकारियों को पुलिस बुलाना पड़ गई। जिसके बाद में एसडीएम ने मौके पर पहुंच कर मामले को शांत कराया।
दरअसल, ग्राम पंचायत पथरोटा में पदस्थ रोजगार सहायक ज्योति चौधरी द्वारा मनरेगा के नाम पर मजदूरो के खाते में आई राशि को दूसरे व्यक्ति के खातो में डालकर निकाल ली गई थी। पंचायत में हुए लाखों रूपए के भ्रष्टाचार को लेकर मजदूरो ने इसकी शिकायत जिला पंचायत, जनपद पंचायत से की थी। शिकायत के आधार पर जनपद पंचायत केसला की ओर से गठित चार सदस्यीय टीम जांच करने पहुंची थी।
बताया जाता है कि टीम के सदस्यों द्वारा बारी-बारी सभी मजदूरो को बुलाकर उनके बयान दर्ज किए गए। शिकायतकर्ता के अनुसार टीम में शामिल एक अधिकारी द्वारा कुछ लोगों के बयान दर्ज करने के बाद उनसे अपने हिसाब से बयान दर्ज कराने का दबाव डाला जा रहा था, लेकिन शिकायतकर्ता उसके लिए तैयार नहीं थे, जिसके चलते टीम के सदस्य जांच को बीच में ही छोड़कर जाने लगे। जिसे लेकर कुछ लोग अधिकारियों की गाड़ी के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। मामला बढ़ता देख किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी और कुछ ही देर में पथरोटा पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस आगे की कार्रवाई करती इसी बीच मौके पर एसडीएम मदन रघुवंशी भी पहुंच गए थे। एसडीएम ने शिकायतकर्ता से चर्चा कर उन्हें सभी दस्तावेज लेकर अपने कार्यालय में तलब किया। सूत्रों के अनुसार जनपद पंचायत की जांच टीम द्वारा रोजगार सहायक के बचाव में काम कर रही थी।
वहीं इटारसी के एसडीएम मदन रघुवंशी ने कहा कि पथरोटा ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरो द्वारा की गई शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। जो भी दोषी है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।