इटारसी, राहुल अग्रवाल। इटारसी (itarsi) में डॉ निकिता पांडेय ने मानवता (humanity) की जो मिसाल पेश की है वो काबिल-ए- तारीफ है। मानवसेवा का अगर जुनून हो तो इंसान जान की परवाह भी नही करता, यह कहावत डॉ निकिता ने चरितार्थ कर दिखाई है। डॉ निकिता रोजाना सुबह अपने समाजसेवी (social worker) दादाजी को प्रणाम कर मरीजों का इलाज करने निकल जाती है।
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कोरोना काल मे अपने शहर के बिगड़ते हालात और स्थानीय शासकीय अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे मरीजो की जान बचाने का प्रण कर लाखों की नौकरी छोड़ निःशुल्क सेवाएं देने के लिए बिना जान की परवाह किये कोविड वार्ड में मरीजो का उपचार कर रही हैं। डॉ निकिता पांडेय शहर के समाजसेवी सुरेश चंद्र शास्त्री की पौत्री हैं।अपने दादा से समाजसेवा की सीख लेकर, पैसे को महत्व न देते हुए मानवसेवा को सर्वोपरि मानकर ही वह निरन्तर मरीजो को स्वस्थ करने में जी जान से जुटी हुई है।
भोपाल के चिरायु हॉस्पिटल में लाखों के पैकेज की नौकरी को छोड़ डॉ निकिता ने अपने नगर में मरीजों का निःशुल्क इलाज करने का निर्णय लिया। निकिता अब तक 70 से अधिक मरीजो को स्वास्थ्य लाभ दे चुकी है। शासकीय अस्पताल के कोविड वार्ड में इलाज करने के निर्णय से जब उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को अवगत कराया तो उन्होंने प्रसन्नता से हामी भर बिटिया के हौंसले की तारीफ की।
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आज की स्थिति में जहां आम आदमी कोविड वार्ड के सामने से गुजरने में भी घबराने लगा है। वहीं डॉ निकिता पांडेय अपनी जान की परवाह किये बिना मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके, इसके प्रयास में लगी रहती हैं। उनके इस जज्बे को सलाम।