Bhopal News: भोपाल के कोलार इलाके में बसी कई कॉलोनी में वर्षों से लोग अपना आशियाना बना कर रह रहे हैं। समय-समय पर यहां रहने वाले लोगों को एनजीटी के निर्देश पर फ्लैट खाली करने और निर्माण हटा देने के नोटिस जारी किए जाते हैं। इससे जनता के बीच हमेशा ही मेहनत से बनाए गए अपने आशियाने टूटने का डर मंडराता रहता है। अब इन्हीं लोगों के लिए भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामेश्वर शर्मा ने कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखते हुए निर्माण हटाने और फ्लैट खाली करवाने के लिए दिए गए नोटिस पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
विधायक शर्मा ने लिखा पत्र
रामेश्वर शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है की अभिव्यक्ति कॉलोनी, सागर प्रीमियम टॉवर, अल्टीमेट कैंपस, भूमिका रेसीडेंसी, मंदाकिनी कॉलोनी, सिग्नेचर सर्वधर्म कॉलोनी समेत दर्जन भर से ज्यादा रहवासी क्षेत्र के नागरिकों ने जीवन भर की पूंजी जोड़कर कोलार के इन क्षेत्रों में अपना आशियाना बनाया है। इनमें से 95 प्रतिशत जनसंख्या शासकीय सेवा से रिटायर्ड तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों, मध्यम एवं निम्न मध्यम वर्गीय नागरिकों की है। अनेक वर्षों से रह-रहकर एन.जी.टी. के निर्देशों पर इनके आशियाने टूटने का खतरा मंडराता रहता है।
प्रभावशाली लोगों की मनमानी
विधायक ने अपने पत्र में प्रभावशाली लोगों की मनमानी का जिक्र करते हुए लिखा कि कुछ तथाकथित लोगों द्वारा जो भोपाल के बड़े तालाब में बने कब्रिस्तानों, खानूगांव के अवैध भवनों पर एक विशेष वर्ग एवं प्रभावशाली वर्ग के विरुद्ध कार्यवाही पर चुप्पी साधे रखते है ऐसे लोग कोलार के गरीब परिवारों को सताने का काम कर रहे हैं। इन लोगों को बड़े तालाब में होने वाले अतिक्रमण और उसमें मिलने वाला मल-मूत्र दिखाई नहीं देता। इसे कलियासोत डेम के ओवरफ्लो क्षेत्र को नदी बताकर गुमराह किया जा रहा है।
अनुमति से बने हैं आवास
विधायक ने कहा कि वर्षों पहले नजूल, नगर निगम, टी.एन.सी.पी एवं पर्यावरण विभाग की भी अनुमति लेने के उपरांत बिल्डरों से खरीदे गए आवास आज अवैध कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कलियासोत डेम का ओवरफ्लो है जिसकी वजह से जिन क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न होती थी उन चिन्हित नागरिकों का विस्थापन कजलीखेड़ा में कर दिया गया है। साथ ही कलियासोत ओवरफ्लो के संपूर्ण क्षेत्र में ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से सीवेज नेटवर्क को जोड़ा गया है। जिससे ओवरफ्लो के दौरान व सामान्य दिनों में इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गंदगी ना रहे। यहां निवासरत पूरा वर्ग शिक्षित एवं पर्यावरण संक्षरण के प्रति जागरूक है। नागरिक समय-समय पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वृक्षारोपण एवं जीव संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करते रहते है। इन नागरिकों द्वारा पर्यावरण संवर्धन के लिये आयोजित अनेक अवसरों पर मैं स्वयं भी सहभागी रहा हूं।
नोटिस पर पुनर्विचार की अपील
विधायक ने पत्र में कहा कि यहां रहने वाले हजारों निम्न एवं मध्यमवर्गीय परिवार एन.जी.टी. के निर्देश पर नगर निगम, जिला प्रशासन के द्वारा जारी तोड़-फोड़ के नोटिस के बाद से अत्यंत भय एवं तनाव ग्रस्त है। इन परिवारों का जीवन रूक सा गया है। शासन-प्रशासन की विभिन्न संस्थाओं से अनुमति लेकर इन नागरिकों ने अपने जीवन भर की कमाई से अपना आशियाना बनाया। उस आशियाने के उजड़ जाने के डर के बावजूद यह नागरिक उग्रता अथवा हिंसा का मार्ग ना चुनकर न्याय की गुहार शासन-प्रशासन एवं न्यायालय से लगा रहे है, जो इनके जिम्मेदार नागरिक होने का प्रमाण है ।
विधायक ने अनुरोध किया है कि यह नागरिक एन.जी.टी, उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय में न्याय के लिए जाएंगे लेकिन मानवीय पक्ष के आधार पर इनके अधिकार की रक्षा के लिए तोड़-फोड़ के निर्देशों को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के आदेश पारित किए जाएं और इन नागरिकों को न्याय दिलाया जाए।