कोयले की कमी का असर MP पर भी, इंदौर में पॉवर कट से बढ़ी उद्योगी समस्याएं

Lalita Ahirwar
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। देश के कई राज्य इन दिनों बिजली का प्रचुर मात्रा में उत्पादन करने वाले कोयलों की कमी के चलते परेशान हैं। अघोषित बिजली कटौती की समस्या से छोटे से लेकर बढ़े उद्योगों तक को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। कोल इंडिया से कोयले की सप्लाई बाधित होने का असर देश के कई राज्यों में बिजली संकट के रूप में दिख रहा है। वही पॉवर कट की समस्या से अब मध्यप्रदेश के उद्यमियों को परेशान होना पड़ रहा है।

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मध्यप्रदेश के इंदौर में तो आलम ये है कि उद्योग जगत अब खुलकर पॉवर कट की समस्या को बता रहा है, क्योंकि इससे उद्योग में लगने वाली मशीनरी को बड़ी संख्या में नुकसान पहुंच रहा है। इंदौर में कन्फेशनरी के बड़े उद्यमी और आशा कन्फेशनरी के मालिक दीपक दरियानी ने बताया कि पिछले 20 दिनों से चली रही पॉवर कट पिछले 5 दिनों में बेहद बढ़ चुकी है। खबरों के जरिये ये सभी जानते है कि देश में कोयले का उत्पादन कमजोर पड़ गया गया और इसी के चलते सुचारू रूप से चलने वाली व्यवस्था पर अब पॉवर कट की मार पड़ रही है।

दरियानी ने बताया कि उनके खुद के उद्योग में रुक-रुककर हो रहे पॉवर कट के चलते हर रोज लाखों की मशीनें, मोटरें और पीएलसी प्रभावित हुई हैं। उन्होंने बताया कि अकेले हमारी फैक्ट्री में 10 दिन में 2 लाख का नुकसान हुआ है, ऐसे में ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि मध्यप्रदेश में कितना नुकसान हुआ होगा। इधर, उद्यमी ने बताया कि इस मामले को लेकर जब विद्युत विभाग से सवाल किया जाता है तो वो सीधे समस्या न बताकर मेंटेनेंस की बात कह रहे हैं। इधर, उद्योग में खुद के खर्चे से डीजी सेट लगाकर बिजली पैदा करने के मामले में भी उद्यमियों की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि उद्योग जगत डीजी सेट में खुद का डीजल लगाता है। बावजूद इसके सरकार को डीजी सेट पर चालान के जरिये राजस्व चुकाना पड़ता है।

फिलहाल, ये तो साफ हो गया है कि पावर कट की समस्या इंदौर जिले में बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में उद्योग जगत उम्मीद कर रहा है कि सरकार जल्द से जल्द कोई रास्ता निकाले ताकि उद्योगों पर और ज्यादा असर न पड़े।


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