इंदौर : महिला के पेट में थी 17 किलो की गठान, डॉक्टरों ने की सफल सर्जरी

Gaurav Sharma
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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। इंदौर के MY हॉस्पिटल (MY Hospital) में एक ऐसी सर्जरी (Surgery) की गई, जिसमें महिला अपने शरीर में 17 किलो का वजनी गठान (17 kg Weight Lump) लेकर घूम रही थी। पेट फूलने और सांस नहीं ले पाने की वजह से महिला अस्पताल पहुंची (Woman reached hospital), जहां महिला डॉक्टरों ने महिला की सर्जरी (Woman surgery) कर उसकी अंडाशय (Ovary) से 17 किलो वजन की गठान को निकाला (Lumped out) है। इस गठान वजन इतना ज्यादा था कि नवजातों के वजन को नापने की मशीन (Weighing machine) भी इसे नहीं नाप सकी। जिसे हॉस्पिटल में रखे बड़ी मशीन से नापा गया।

सर्जरी में निकला 17 किलो का गठान

बता दें कि इस तरह की सर्जरी MY हॉस्पिटल (MY Hospital) की पहली सर्जरी है, जहां गाइनेकोलॉजी डिपार्टमेंट (Gynecology department) की डॉक्टरों ने इस सर्जरी (Surgery) को किया है। MY हॉस्पिटल (MY Hospital) के डॉक्टरों ने बताया कि 45 वर्षीय महिला देवास (Dewas) की रहने वाली है, जो करीब 2 महीने से परेशान चल रही थी। उसे नहीं समझ में आ रहा था कि उसका पेट आखिर क्यों फूलता जा रहा है। जब हॉस्पिटल (Hospital) आई तो उस महिला का MRI करवाया गया। जिसमें पता चला कि उसकी ओवरी (Ovary) में एक भारी-भरकम गठान हो गया है। जिसे निकालने के लिए पहले तो महिला की लेप्रोटॉमी (Laparotomy) की गई, जिसमें 17 किलोग्राम के गठान को रिमूव किया गया।

महिला को 1 महीने तक हॉस्पिटल में रखा गया

इस भारी-भरकम गठान को निकालने के लिए महिला को करीब 1 महीने तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। जिससे उनका शुगर लेवल (Sugar level) भी कंट्रोल में रहे। डॉक्टर ने बताया कि गठान की वजह से महिला को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उसे सांस लेने में और उठने-बैठने में काफी दिक्कतें हो रही थी। फिलहाल डायबिटिक महिला का शुगर कंट्रोल (Diabetes woman sugar control) होने के बाद गुरुवार को उसका सफल सर्जरी किया गया।

MY हॉस्पिटल में इस तरह की यह पहली सर्जरी है

गाइनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की महिला डॉक्टरों (Gynecology Department’s Female Doctors) ने कहा की MY हॉस्पिटल (MY Hospital) में इस तरह की सर्जरी (Surgery) करने का यह पहला केस सामने आया है। जिसमें महिला की ओवरी से 17 किलोग्राम का गठान निकाला गया है। महिला की इस तरह सर्जनी करने के लिए डॉक्टरों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ी, क्योंकि महिला को शुगर की शिकायत थी। साथ ही ब्लड प्रेशर (blood pressure) कम होने से मरीज को शॉक लगने की आशंका जताई जा रही थी। डॉक्टर ने कहा कि यह सर्जरी उनके लिए एक चुनौतियों से भरा हुआ था।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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