इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर (Indore) में गणेशोत्सव (Ganeshotsav) को लेकर जोरों शोरों से तैयारियां की जा रही हैं। वहीं इंदौर की सेंट्रल जेल में भी गणेश चतुर्थी आने से पहले ही कैदियों द्वारा गणेश जी की मूर्ति बनाई जा रही है। दरअसल, इस साल गणेश उत्सव का जश्न हर जगह देखने को मिलेगा। क्योंकि कोरोना महामारी के चलते बीते 2 सालों से गणेश चतुर्थी की धूम देखने को नहीं मिली।
लेकिन इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि बीते 2 साल से इंदौर की सेंट्रल जेल में ही गणेश प्रतिमाओं को बनाने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन इस साल इंदौर सेंट्रल जेल में गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है।
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5 पवित्र नदियों की मिट्टी से बन रही प्रतिमा –
सेंट्रल जेल में कैदियों द्वारा गणेश जी की इको फ्रेंडली प्रतिमाएं बनाई जा रही है। इतना ही नहीं इसके लिए कैदियों को पहले ट्रेनिंग भी दी गई। उसके बाद ही वह गणेश जी की प्रतिमा बनाने के लिए तैयार हो गए। पूरी तरीके से इको फ्रेंडली प्रतिमांए जेल के कैदी बना रहे हैं। खास बात ये है कि इन प्रतिमाओं को बनाने के लिए करीब 5 नदियों की मिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन 5 नदियों में शामिल है नर्मदा, गंगा, यमुना सहित अन्य पवित्र नदियां। इन्ही का ही जल भी प्रयोग में लिया जा रहा है।
जेल अधीक्षक भी बना रहे प्रतिमा –
जानकारी के मुताबिक, जेल के अंदर कैद हिंदू बंदियों के साथ-साथ जेल अधीक्षक भी गणेश जी की प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। इना ही नहीं वह इन प्रतिमाओं पर कलर करने में भी मदद कर रहे हैं। इसके लिए खास तौर पर जेल अधीक्षक अलका सोनकर मेहनत में लगी हुई है। वह खुद भी गणेश प्रतिमाओं में रंग रोगन का काम कर रही हैं। हर साल इंदौर शहर की सेंट्रल जेल के कैदियों द्वारा गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया जाता है।