पुलिस का एक चेहरा यह भी, वेल्डन टीआई साहब

Amit Sengar
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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। इंदौर (indore) के थाने में पदस्थ थाना प्रभारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वे गरीब बच्चों को जूते पहनाते हुए नजर आ रहे हैं। टीआई के इस काम की पूरे शहर में जमकर सराहना हो रही है।

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कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाली खाकी संवेदनशीलता से भरी हो तो फिर क्या कहने। वर्दी वालों में अगर यह भाव आ जाए तो फिर समाज का कायाकल्प होने में देर ना लगे। इंदौर में ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला। रविवार को इंदौर के जूनी थाना प्रभारी योगेश सिंह तोमर कानून व्यवस्था को देखने के लिए सड़क पर निकले थे कि उन्हें 4 बच्चे दिखाई दिए। बेहद गरीब नजर आने वाले यह बच्चे नंगे पैर थे। भरी गर्मी के इस मौसम में उन्हें नंगे पैर देख टीआई ने उन्हें अपने पास बुलाया और अपनी गाड़ी में बैठा लिया।

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इतना ही नहीं, टीआई उन्हें पास में ही स्थित जूते की दुकान में ले गए और चारों बच्चों को उनकी पसंद के जूते दिलवाए। जूते मोजे पहनकर बच्चों के दिल पर खुशी देखते ही बनती थी। इसके बाद टीआई तोमर ने उन बच्चों को यह भरोसा भी दिलाया कि जब जरूरत पड़े ,वे उनके पास आ सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए जो भी मदद चाहिए उसे निसंकोच मांग सकते हैं। टीआई के इस काम की पूरे शहर में प्रशंसा हो रही है। ऐसे समय में, जब पुलिस के ऊपर जनता को परेशान करने और वसूली के आरोप लगते हैं, कम से कम कुछ पुलिसिया चेहरे ऐसे हैं जो पुलिस को मानवीय तो बनाते ही हैं समाज के साथ उसके बेहतर संबंध स्थापित करने में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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