इंदौर, आकाश धोलपुरे। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट के ग्राम अर्जुन बडौद के लॉजिस्टिक पार्क में चुनावी सभा ली थी, जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार प्रेमचंद गुड्डू के समर्थन में सीएम शिवराज और सिंधिया पर जमकर हमला बोला। ये सभा कमलनाथ के हमले के लेकर तो चर्चा में थी ही लेकिन इस सभा के पूर्व कुछ ऐसा हुआ था जिसके बाद अब बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ गई है।
दरअसल, पहली बार कांग्रेस की सभा मे भगवा झंडे लहराते दिखे थे जिसके बाद कई सवाल सियासी गलियारों में उठ खड़े हुए हैं। रविवार को बीजेपी के महंत संदीप शर्मा सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस में शामिल हुए हैं और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने इस बात पर खुशी जताते हुए कहा कि अब तक बीजेपी आरोप लगाती रही है कि सवर्ण वोटर्स कांग्रेस के साथ नहीं है, लेकिन जल्द ही सभी वर्गो के लोग धीरे धीरे कर कांग्रेस से जुड़ते जाएंगे। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी ने कहा कि कांग्रेस राजनीति को धर्म से जोड़कर नही देखती है बल्कि धर्म व्यक्तिगत मामला होता है। कांग्रेस शुरुआत से लेकर अब तक धर्म को राजनीति में नहीं लाई है और ना इस बात पर विश्वास रखती है। कांग्रेस ने साफ़ किया कि पूर्व सीएम कमलनाथ की अटूट आस्था भगवान हनुमान पर है ऐसे में बीजेपी को इससे क्यों परेशानी हो रही है ?
इधर, बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस का फिलहाल जो हिंदुत्व दिखाई दे रहा है वो सॉफ्ट हिंदुत्व नही है बल्कि पार्ट टाइम हिंदुत्व है जो उपचुनाव के चलते सामने आया है। उन्होंने कांग्रेस और पूर्व सीएम कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि ये अवसरवादी लक्षण है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कांग्रेस हिंदुत्व के मामले में दोहरे मापदंड अपनाती है जहाँ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह का हिंदुत्व अलग है वही दूसरी ओर कमलनाथ जी का हिंदुत्व अलग है। उन्होंने कहा की ये ही कांग्रेस पार्टी है जिसने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि राम तो कभी हुए ही नही और राम काल्पनिक है। वही उन्होंने कांग्रेस और कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि साँवेर में भगवा लहराने से बीजेपी खुश है और उम्मीद करती है कि कांग्रेस पार्टी सदैव हिन्दू धर्म और सनातन धर्म के प्रति आस्था का भाव रखे। फिलहाल, आने वाले समय मे प्रदेश में उपचुनाव होना है ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के भगवा को लेकर राजनीति चरम पर रहने की सम्भावना बनी हुई है।