कांग्रसे नेता का सीएम पर निशाना, कहा- ‘शिवराज तुमने इंदौर को मौत के सौदागरों के हाथों सौंप दिया’

Gaurav Sharma
Published on -
Kamal-Nath's-minister-said

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में आगामी 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा आए दिन शिवराज सरकार पर तंज और आरोप लगाने को लेकर चर्चा में रहते है। एक बार फिर सज्जन सिंह वर्मा ने प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाते हुए एक वीडियो ट्वीट किया है। कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट पर लिखा कि “शिवराज तुमने इंदौर को मौत के सौदागरों के हाथों सौंप दिया, यम दूतों के हाथों सौंप दिया।। कभी शव कंकाल बन रहा, कभी छोटे बच्चे का शव बॉक्स में सड़ रहा। कभी आत्मग्लानि नहीं होती तुम्हें???”

बता दें कि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एमवाय अस्पताल से कल एक मामला सामने आया जिसमें एक पांच दिन के बच्चे की लाश में मिलने पर एसआईटी जांच करने पहुंची थी। अस्पताल की मर्च्यूरी के फ्रिजर में 6 दिन से नवजात का शव अंत्येष्ठी का इंतजार कर रहा था। दरअसल, अस्पताल के कर्मचारियों ने मासूम के शव को खुले में रखने के बजाय फ्रीजर में रखवा दिया था। वहीं, पुलिस इतना समय नहीं निकाल पाई कि उसका पोस्टमार्टम करवा दिया जाए, वहीं एसआईटी ने माना था कि बच्चे के पोस्टमार्टम में देरी हुई है।

ये भी पढ़ें :-

मर्दा बने कंकाल के बाद अब मिला 3 महीने के बच्चे का शव ,SIT ने माना पोस्टमार्टम में हुई देरी


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News