इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश के नए मॉडल मंडी एक्ट के विरोध के चलते प्रदेश की मंडियों के हजारों कर्मचारी और अधिकारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। मिली जानकारी के मुताबिक मंडियों के निजीकरण और उपमंडियो के निर्माण की बात मंडी कर्मचारियों को रास नहीं आ रही है, जिसके चलते संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड भोपाल के आह्वान पर प्रदेश की अधिकतर मंडियों में शासकीय कार्य ठप पड़ गया है। मंडी बचाओं अभियान के जरिये हाल ही में प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपकर मंडी के मॉडल एक्ट का विरोध कर कर्मचारियों व अधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा था। जिसके बाद आज से मंडी के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर चले गए है। संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने व्यापारियों सहित अन्य सहयोगियों से भी साथ देने की अपील की है।
इंदौर की 3 मंडियों लक्ष्मीबाई अनाज मंडी, संयोगितागंज अनाज मंडी छावनी और प्रदेश की सबसे बड़ी फल एवं सब्जी मंडी चोइथराम के कुल 150 कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर चले गए है। देवी अहिल्याबाई होलकर फल एवं सब्जी मंडी के प्रभारी अधिकारी प्रदीप जोशी ने बताया कि प्रदेश में जहां हजारो कर्मचारी अधिकारी हड़ताल पर है। मंडी के नए एक्ट के विरोध के चलते इंदौर में भी अधिकारी व कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। दरअसल, अधिकारियों व कर्मचारियों के एक साथ हड़ताल पर चले जाने का परिणाम ये होगा कि प्रदेश सरकार को प्रतिदिन कोरोड़ो की राजस्व वसूली होती है एक तरह से उस पर अंकुश लग जायेगा।
कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते व्यापारी संगठन ले सकते है ये फैसला
इधर, कर्मचारियों और अधिकारियों के हड़ताल पर जाने के बाद जल्द ही इंदौर की चोइथराम मंडी के व्यापारियों द्वारा शहर हित मे बड़ा फैसला लिया जा सकता है, जिसके तहत मंडी में सब्जी और आलू प्याज का विक्रय व खरीदी कोरोना संक्रमण के चलते हैं। हर शनिवार और रविवार को बंद रखा जा सकता है। वही दूसरी और फल मंडी केवल रविवार को बंद रखी जा सकती है। हालांकि शनिवार और रविवार को व्यापार बन्द रखने के मामले में व्यापारिक संगठनों के बीच मंथन जारी है और जल्द इस पर कोई बड़ा फैसला लिए जाने की संभावना बनी हुई है। हालांकि मंडी बंद जैसी खबरों के चलते आज चोइथराम मंडी में जमकर भीड़ लग गई, जबकि ये स्पष्ट है हड़ताल केवल कर्मचारियों व अधिकारियों की है। वही कोरोना के चलते कारोबार के संबंध में व्यापारिक संगठन जल्द बड़ा फैसला ले सकते है।